5G के ट्रायल (5G Trial) से चीनी (Chinese telecom companies) कंपनियां Huawei और ZTE बाहर हो गई हैं, लिहाजा नई तकनीक का ट्रायल सितंबर से शुरू हो सकता है. टेलीकॉम कंपनियां बिना चीनी कंपनियों के ट्रायल के लिए राजी हो गई हैं. इसके बाद दूरसंचार विभाग (Telecom Department) सितंबर में कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटन कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो Reliance Jio ने खुद की टेक्नोलॉजी से ट्रायल करने के लिए अर्जी दी है तो एयरटेल (Airtel) भी बिना चाइनीज़ कंपनियों के ट्रायल शुरू करेगा. वोडाफोन आइडिया (Vodafone-idea) भी ट्रायल को लेकर जल्द फैसला ले सकती है.
यह भी पढ़ें : OnePlus 8, 8 Pro स्मार्टफोन के लिए आया नया अपटेड्स, जानिए इसकी खासियत
अभी मोबाइल फोन 4G नेटवर्क पर आधारित है. 5G स्पेक्ट्रम शुरू होने पर मोबाइल इंटरनेट की स्पीड और बढ़ जाएगी. पहले 5G नेटवर्क की टेस्टिंग मार्च में होने वाली थी लेकिन कोरोना वायरस (Covid-19) महामारी के चलते ट्रायल टल गया था. अब वहीं ट्रायल सितंबर में होने जा रहा है.
इससे पहले टेलीकॉम अफसरों की ओर से कहा गया था, स्पेक्ट्रम का ऑक्शन शुरू होने से पहले टेलीकॉम कंपनियों को कम से कम 6 महीने तक 5G डिवाइस और स्पेक्ट्रम का ट्रायल लेना होगा.
यह भी पढ़ें : WhatsApp ने यूज़र्स को दिया शानदार Stickers का तोहफा, ऐसे करें इस्तेमाल
दूरसंचार अधिकारी ने कहा, ‘हम सितंबर से स्पेक्ट्रम मुहैया कराने की सोच रहे हैं ताकि कंपनियां 5G डिवाइस की जांच कर सकें. दिसंबर 2019 में जिन कंपनियों ने आवेदन किया था, उनमें से केवल नोकिया, एरिक्सन और सैमसंग को ही 5G ट्रायल में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी.'
Source : News Nation Bureau