एप्पल और गूगल ने रूस चुनावों में विरोध मतदान के समन्वय के लिए बनाए गए एक एप को हटा दिया है. रूस के अधिकारियों ने दावा किया हैं कि एप अवैध है. उन्होंने एप्पल और गूगल के स्थानीय कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने की धमकी दी. क्रेमलिन के अभियान में देश के बड़े पैमाने पर बिना सेंसर वाले इंटरनेट पर लगाम लगाने के अभियान में तेज वृद्धि हुई. द न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार गूगल के फैसले से परिचित एक व्यक्ति ने कहा कि अधिकारियों ने विशिष्ट व्यक्तियों का नाम लिया है, जो अभियोजन का सामना करेंगे, जिससे एप को हटाने के लिए प्रेरित किया गया.
रूस में झुका गूगल
रूसी सरकार के नाराज होने के डर से व्यक्ति ने अपनी पहचान बताने से इनकार कर दिया. देश में गूगल के 100 से ज्यादा कर्मचारी हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि एप को विपक्षी नेता अलेक्सी ए नवलनी के सहयोगियों द्वारा बनाया और प्रचारित किया गया था, जो रूस के 225 चुनावी जिलों में से प्रत्येक में विरोध वोट को मजबूत करने के लिए इसका इस्तेमाल करने की उम्मीद कर रहे थे. नवलनी की टीम ने निर्णय पर नाराजगी के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की, यह सुझाव देते हुए कि कंपनियों ने रूसियों को एक हानिकारक रियायत दी.
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रविवार को खत्म हो जाएंगे चुनाव
नवलनी के एक सहयोगी इवान जादानोव ने ट्विटर लिखा, नवलनी एप को स्टोर से हटाना राजनीतिक सेंसरशिप का एक शर्मनाक कार्य है. जदानोव ने कहा कि रूस की सत्तावादी सरकार और प्रचार रोमांचित होंगे. गौरतलब है कि रूस में तीन दिवसीय संसदीय चुनाव रविवार को समाप्त हो जाएगा. इसके लिए 17 सितंबर को मतदान शुरू हुआ था. इस चुनाव को लेकर माना जा रहा है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सत्तारूढ़ यूनाइटेड पार्टी को इसमें जीत मिलने की उम्मीद है. चुनाव में व्यापक उल्लंघन और विपक्षी आवाजों को दबाने के आरोप भी लगे हैं. हालांकि, कुछ पोल विशेषज्ञों ने कहा है कि पुतिन की पार्टी रूसी संसद के निचले सदन स्टेट ड्यूमा के अपने वर्तमान दो-तिहाई प्रभुत्व को बनाए रखने में विफल रहेगी.
HIGHLIGHTS
- नवलानी एप को पुतिन विरोधी माना जा रहा
- हटाए जाने पर राजनीतिक सेंसरशिप का आरोप
- रविवार को खत्म हो जाएंगे संसदीय चुनाव