होशियार : कहीं आप भी तो नहीं करते जरुरत से ज्यादा इन गैजेट्स का इस्तेमाल, पड़ सकते हैं मुश्किल में

लेकिन क्या आपको मालूम है कि मोबाइल लैपटॉप आदि का इस्तेमाल करते समय सही पोश्चर नहीं रखने से कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं.

author-image
yogesh bhadauriya
New Update
pjimage  31

प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

इन दिनों फिजिकल डिस्टेंसिंग तो हुई है लेकिन इलेक्ट्रॅनिक गैजेट टीवी, मोबाइल से लोगों की दोस्ती भी बढ़ गयी है. कोरोना संक्रमण के चलते लोग ज्यादातर घरों में रहकर मोबाईल, लैपटॉप, टीवी व अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है कि मोबाइल लैपटॉप आदि का इस्तेमाल करते समय सही पोश्चर नहीं रखने से कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं. सहीं तरीके से न बैठने के कारण गर्दन के आसपास दर्द होने लगता है. लेटकर व अंधेरे में मोबाइल यूज करने से आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में इस तरह के गैजेट का इस्तेमाल करने के लिए जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए.

यह भी पढ़ें- भारत में मोटोरोला वन फ्यूजन प्लस (Motorola One Fusion+) लॉन्च, कीमत 16,999 रुपये

कंप्यूटर पर काम करते बरतें सावधानी

वर्क फ्रॉम होम कल्चर में लोग आलस के कारण सही तरीके से नहीं बैठ रहे हैं. इस कारण लोगों की रीढ़ की हड्डी और गर्दन के हिस्से में दर्द की परेशानी होने लगी है. उन्होंने मोबाइल का प्रयोग करते समय गर्दन को ज्यादा देर नीचे झुकाकर रखने के कारण सिर का पूरा भार गर्दन पर पड़ने की बात कही, जिससे हड्डी में गैप होने के कारण दर्द होने लगता है. कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते हुए हर दो घंटे के बाद एक ब्रेक जरूर लेना चाहिए. मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते वक्त एक ही पोजीशन में नहीं बैठना चाहिए.

20-25 मिनट पर लें ब्रेक

कंप्यूटर या लैपटॉप के ज्यादा इस्तेमाल से बचना चाहिए. अभी सब लोग घर पर हैं तो लैपटॉप व मोबाइल पर ज्यादा समय दे रहे हैं. ऐसे में एक चीज का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि हर 20 से 25 मिनट पर बे्रक लें. लगातार स्क्रीन पर नहीं देखें. कंप्यूटर या लैपटॉप का स्क्रीन आंखों से 15 डिग्री नीचे होना चाहिए. उन्होने बताया कि कभी भी टीवी और मोबाइल का इस्तेमाल डिम लाइट में न करें. इस तरह के गैजेट का इस्तेमाल हमेशा पर्याप्त रोशनी में ही करना चाहिए. इस समय दिनभर में चार से पांच बार अच्छे से साबुन से हाथ और मुंह धोए.

यह भी पढ़ें- Samsung ने लॉन्च की स्मार्ट टेलिविजन की नई रेंज, ऑफर देख रह जाएंगे हैरान

बुजुर्ग भी टेक्नोलॉजी के दीवाने

स्मार्ट फोन ने उम्र की सीमा पार कर ली है. बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक हर कोई किसी न किसी रूप में स्मार्ट फोन से जुड़ा है. मैसेज और चैटिंग से लेकर वीडियो कॉलिंग तक फोन के इस्तेमाल ने दूरियों को मिटाने में भी भूमिका निभायी है. आज की तारीख में स्मार्ट फोन की टेक्नोलॉजी ने घर के बुजुर्गो को भी अपना दीवाना बना लिया हैं. ऐसा होने की वजह भी है, क्योकि इ टेक्नोलॉजी ने उन्हें अपनों के करीब आने में मदद की है. स्मार्ट फोन पर अंगुलियां फेरकर पलक झपकते ही कहीं दूर देश बैठे आमने-सामने बैठकर बात करने का सुख मिल जाता हैं.

बढ़ सकती हैं परेशानियां

लगातार मोबाइल फोन, लैपटॉप या कंप्यूटर का प्रयोग करने से हमारी आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ता है. वहीं एक ही पोजिशन में बैठे रहने से कार्पल टनल, बैकपेन, नस से जुड़ी परेशानियां, नींद कम हो जाना जैसी समस्याएं होने लगती हैं. कई रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि लैपटॉप पर लगातार काम करने से पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या पैदा हो सकती हैं. जब हम कुछ मजेदार या नया देखते हैं तो डोपामाइन हॉर्मोन का निर्माण होता है, लेकिन इसकी दूसरी प्रतिक्रिया भी होती है. दरअसल, डोपामाइन एक न्यूरोकेमिकल भी होता हैं जिसका संबंध एडिक्शन से है और एक तरह का रिवॉर्ड केमिकल भी होता है. न्यूरोसाइंटिस्ट का कहना है कि बच्चे जब कंप्यूटर गेम्स खेलते हैं तो उसका मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

अत: हम इस लेख के माध्यम से आपसे अनुरोध करेंगे कि किसी भी गैजेट को इस्तेमाल करते समय किसी भी प्रकार की अति से खुद को बचाएं. साथ ही इस बात पर जौर दें कि कैसे आप खुद को गैजेट्स के दुष्प्रभावों से अपने और अपने प्रियजनों को दूर रख सकते हैं.

Source : News Nation Bureau

gadgets mobile laptop
Advertisment
Advertisment
Advertisment