भारतीय यूजर्स (Indian Users) का डाटा भारत में ही रखने को लेकर मोदी सरकार (Modi Sarkar) को बड़ी सफलता हाथ लगी है. गूगल (Google), फेसबुक (Facebook), ट्विटर (Twitter) और अमेजन (Amazon) आदि बड़ी कंपनियां भारत में ही डाटा सेंटर बनाने को राजी हो गई हैं. उत्तर प्रदेश (UP) के नोएडा (Noida) में पहले डाटा सेंटर का निर्माण शुरू भी हो गया है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने नोएडा में करीब 600 करोड़ रुपये के निवेश वाले डाटा सेंटर के शिलान्यास को लेकर कदम बढ़ा दिए है. बताया जा रहा है कि मुंबई का हीरानंदानी समूह 20 एकड़ जमीन पर डाटा सेंटर को तैयार करेगा.
योगी सरकार का कहना है कि नोएडा में बनने जा रहे डाटा सेंटर से 2,000 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार (Employment) मिल सकेगा. वहीं, 20,000 से ज्यादा लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार हासिल होगा. इस प्रोजेक्ट से आसपास की आईटी कंपनियों को भी बड़ी मदद मिलने वाली है. डाटा सेंटर के लिए कोरोना काल में ही जमीन आवंटन का काम कर दिया गया था. कहा जा रहा है कि जून 2022 तक इस डाटा सेंटर में काम शुरू हो जाएगा. इसके बाद गूगल, अमेजन, फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम आदि कंपनियां भारतीय यूजर्स का डाटा भारत में ही रखना शुरू कर देंगी.
उधर, यह भी खबर है कि रैक बैंक और अडानी समूह समेत कई कंपनियों ने डाटा सेंटर को लेकर 10,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव यूपी सरकार (UP Government) को दिया है. भारत में डाटा सेंटर न होने से भारतीय यूजर्स का डाटा विदेश में रखा जाता है. अब इस सेंटर के शुरू हो जाने से इंडियन यूजर्स का डाटा भारत में ही सुरक्षित रखा जाएगा. यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना है कि यह उत्तर भारत का सबसे आधुनिक और बड़ा डाटा सेंटर होगा और आने वाले दिनों में राज्य के दूसरे हिस्सों में भी ऐसे डाटा सेंटर स्थापित किए जाएंगे.
डाटा सेंटर नेटवर्क का इस्तेमाल कंपनियां डाटा स्टोरेज, प्रोसेसिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए करती हैं. यूपी में फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप (WhatsApp), इंस्टाग्राम (Instagram), यूट्यूब (YouTube) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के करोड़ों ग्राहक हैं. इनका निजी डाटा सुरक्षित रखना महंगा है. दूसरी ओर, बैंकिंग, रिटेल, स्वास्थ्य, पर्यटन के साथ ही आधार कार्ड डाटा भी इस डाटा सेंटर में सुरक्षित रखा जा सकेगा.
Source : News Nation Bureau