क्या आपको भी देर रात फोन से चिपके रहने की आदत है? अगर ऐसा है तो यह आपके लिए खतरा साबित हो सकता है. कई लोगों को देर रात तक फोन इस्तेमाल करने की आदत होती है लेकिन वो भूल जाते हैं कि वो कितनी बड़ी गलती करते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि देर रात फोन का इस्तेमाल कैसे आपकी सेहत के लिए खतरा बन सकता है. तो उससे पहले आइए जानते हैं कि फोन की स्क्रीन से कौन सी किरणें निकलती हैं. मोबाइल फोनों से निकलने वाली रेडिएशन को लेकर विभिन्न रूपों में चर्चा होती है, और इसे लेकर विज्ञानी विचार कर रहे हैं कि यह शरीर के लिए कितना खतरनाक हो सकता है. इसे "रेडिएशन" कहा जाता है और यह विभिन्न प्रकार का होता है.
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क्या ये रेडिएशन आंखों के लिए खतरा है?
रेडिओ फ्रीक्वेंसी (RF) रेडिएशन: स्मार्टफोन्स, वायरलेस नेटवर्क्स, और सेल टॉवर्स से निकलने वाली रेडिओ फ्रीक्वेंसी रेडिएशन एक प्रकार की नॉन-आयोनाइजिं रेडिएशन है जो शरीर को प्रभावित कर सकती है. इसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन शामिल है जो अल्फा, बीटा, और गामा रेडिएशन को बाहिर कर सकता है.साथ ही स्मार्टफोन्स, टैबलेट्स, और कंप्यूटर स्क्रीन्स से निकलने वाली ब्लू लाइट रेडिएशन ब्राइटनेस और रंग देखने के लिए आपके आंखों पर सीधा अटैक करती है.
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लगातार फोन यूज करने से क्या हो सकता है
विज्ञानिक तथा स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच इस विषय पर विचार-मनाधिकरण (authority of opinion) जारी है, लेकिन अब तक विशेषज्ञ सहमत हैं कि इस रेडिएशन का सीधा संबंध बीमारी या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ नहीं है. हालांकि, लंबे समय तक मोबाइल फोन का उपयोग करने का एक संबंध बीमारीयों, जैसे कि नींद की समस्याएं और आंतरिक चिंता, के साथ जुड़ा हो सकता है, लेकिन यह सभी इन्फ्लुएंसिंग फैक्टर्स के साथ मिश्रित हो सकते हैं और सीधे रूप से रेडिएशन के कारण नहीं हैं. हालांकि इस पर अभी वैज्ञानिक रिसर्च कर रहें है कि आखिर फोन की स्क्रीन से निकलने वाली रे कितना खतरनाक हो सकता है.
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HIGHLIGHTS
- इस रेडिएशन का सीधा संबंध बीमारी हो सकता है
- आपके आंखों पर सीधा अटैक करती है
- नींद आने में परेशानी हो सकती है
Source : News Nation Bureau