आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड (Aditya Birla Fashion and Retail Ltd) द्वारा वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट (Flipkart) ग्रुप को 7.8 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के जरिए 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना पर सवाल उठ गए हैं. ट्रेडर्स बॉडी कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) ने इसे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति का उल्लंघन बताते हुए केंद्र सरकार के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भी लिखा है.
पीयूष गोयल को लिखे पत्र में CAIT ने इस सौदे को अनुमति न देने का आग्रह किया है. कैट ने कहा कि आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से फ्लिपकार्ट समूह के स्वामित्व-नियंत्रण वाले प्लेटफॉर्म पर अपना सामान बेचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया है कि इस FDI को तब तक अनुमति न मिले, जब तक किआदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड यह भरोसा नहीं दे देती कि वह वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले फ्लिपकार्ट के जरिए अपना तैयार माल नहीं बेचेगी.
CAIT की ओर से यह भी कहा गया है कि कंपनी ने शेयर बाजारों को जो सूचना दी है उससे फ्लिपकार्ट समूह के स्वामित्व और परिचालन वाले मार्केटप्लेस पर आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड को एक 'वरीयता विक्रेता' बनाने का उद्देश्य सिद्ध होता है, जो सरकारी नीति का सरासर उल्लंघन है.
CAIT ने दलील दी है कि FDI Policy विदेशी कंपनी को ऐसी किसी भी कंपनी में जिसमें उसका पहले से निवेश हो, उसको ई-कॉमर्स सहित बहु ब्रांड खुदरा कारोबार में गठजोड़ की अनुमति नहीं देती. चाहे मामला ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से ही क्यों न जुड़ा हो.
Source : News Nation Bureau