Full body scanner Trial AT IGI Airport: जालसाज कई तरीकों से धोखा देने की कोशिश करते हैं. सुरक्षा के तमाम बड़े इंतजाम होने के बाद भी कई बार जालसाज चकमा दे जाते हैं. अक्सर मेट्रो स्टेशन, एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी को टाइट रखा जाता है ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का अवैध सामान अपने साथ अंदर ना ले जाए. इसके साथ ही पब्लिक की सुरक्षा के लिहाज से भी ऐसा किया जाता है. इसी कड़ी में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) के टर्मिनल T-2 पर फुल बॉडी स्कैनर का ट्रायल (full body scanner trial) शुरु हो गया है. यानि यात्रियों को सुरक्षा जांच के दौरान अब फुल बॉडी स्कैनर से गुजरना होगा जिसके बाद शरीर के अंदर भी सामान छुपा कर ले जाना मुश्किल हो जाएगा.
क्या है फुल बॉडी स्कैनर
फुल बॉडी स्कैनर को अभी कुछ ही देशों के एयरपोर्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है. इस स्कैनर की मदद से व्यक्ति की फुल डिजिटल इमेज सामने आती है. अगर कोई व्यक्ति शरीर के भीतर कुछ छुपा कर ले जाने की कोशिश करता है तो मशीन नॉन-मेटल ऑब्जेक्ट्स को डिटैक्ट कर लेती है. इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) पर इस सुविधा का ट्रायल शुरू हो चुका है. ट्रायल 45 से 60 दिन तक चलेगा जिसके बाद पैसेंजर, सीआईएसएफ से रिव्यू के बाद रेगुलेटरी संस्थाओं को फीडबैक दिया जाएगा. रेगुलेटरी संस्थाओं को फीडबैक देने के बाद आगे की कार्रवाही की जाएगी.
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प्राइवेसी का रखा जाएगा पूरा ध्यान
इस नई व्यवस्था के आ जाने से समय की बचत होगी साथ ही यात्रियों को भी जांच के दौरान कपड़े उतारने की जरूरत नहीं पड़ेगी. नया एडवांस्ड बेस्ड स्कैनर 1 मिलीमीटर वेव बेस्ड स्कैनर है जिसकी मदद से बिना फिजिकल टच के बिना ही जांच की जा सकेगी. इस डिवाइस में किसी तरह की हेल्थ इश्यू का भी खतरा नहीं होगा.
HIGHLIGHTS
- IGI एयरपोर्ट टर्मिनल 2 पर 45 से 60 दिन चलेगा ट्रायल
- स्कैनर की मदद से व्यक्ति की फुल डिजिटल इमेज आएगी
- जांच के दौरान कपड़े उतारने की झंझट से मिलेगी निजात