Google इस बात से बहुत चिंतित है कि एंड्रॉयड ईको सिस्टम उतना मजबूत नहीं है, जितना कि इसे होना चाहिए. गूगल का मानना है कि कुछ सिक्योरिटी लूपहोल्स हैं, जिनका उपाय निकालना जरूरी है. कभी-कभी ये सिक्योरिटी लूपहोल्स गूगल के पिक्सल के अप-टू-डेट स्मार्टफोन में नहीं होते लेकिन एंड्रॉयड के अन्य वेंडरों की ओर से निर्मित स्मार्टफोन में होते हैं. पिछले हफ्ते Google ने कहा था कि उसने इस समस्या को हल करने के लिए एक कदम उठाया था. Google द्वारा खोजे गए समस्याओं के निराकरण के लिए पहल की घोषणा की गई थी, जो एंड्रॉयड पार्टनर्स की ओर से शिप किए गए डिवाइस मॉडल को प्रभावित करते हैं.
इसका मतलब यह हुआ कि Google का एंड्रॉइड पार्टनर वल्नरेबिलिटी इनिशिएटिव (APVI) थर्ड पार्टी के एंड्रॉइड डिवाइसों में पाए जाने वाले सिक्योरिटी इश्यु को सार्वजनिक करेगा, ताकि उन्हें जल्द से जल्द फिक्स किया जा सके.
गूगल का मानना है कि सिक्योरिटी लूपहोल्स का पता होने पर एंड्रॉयड स्मार्टफोन निर्माता इस बात के लिए प्रोत्साहित होंगे कि ग्राहकों के हाथों में जाने से पहले वे बग को हमेशा के लिए फिक्स कर दें.
APVI केवल उस पर लागू होगा, जिसकी सर्विएस और मेंटेनेंस गूगल के जिम्मे नहीं होगी. Google के स्वयं की खामियां Google के एंड्रॉइड सुरक्षा बुलेटिन द्वारा नियंत्रित की जाती हैं. APVI के बग ट्रैकर ने पहले ही थर्ड पार्टी के कई कमजोरियों को उजागर किया है, जैसे :
- कई डिवाइसों पर पहले से इंस्टॉल किए गए ट्रांज़िशन वेब ब्राउज़र में पासवर्ड मैनेजर में कमजोरी.
- Huawei उपकरणों पर असुरक्षित बैकअप
- OPPO और Vivo फोन को प्रभावित करने वाली कमजोरियों को दूर किया.
- Google की योजना यह है कि सिक्योरिटी लूपहोल्स जाहिर होने से पहले विक्रेताओं को सूचित किया जाए. अब तक रिपोर्ट की गई अधिकांश खामियों को दुरुस्त भी कर दिया गया है.
Source : News Nation Bureau