देशभर में कोरोना महामारी ने एक विकराल रूप ले रखा है, ऐसे में सोशल मीडिया पर मदद की गुहार और मदद करने वाले लोगों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है. रेमडेसिविर इंजेक्शन, प्लाज्मा या फिर ऑक्सिजन सिलेंडर का इंतजाम झट्ट से कर देने वालों के नम्बर सोशल मीडिया पर मानों ऐसे घूम रहे हैं, जैसे कि लॉटरी की कोई टिकट. दरअसल सोशल मीडिया पर लोग कई हेल्पलाइन नंबर पोस्ट कर रहे हैं और फॉरवर्ड भी कर रहे हैं. हालांकि जिन लोगों के अपने इस महामारी से जूझ रहे हैं, वह नम्बरों को देख खुश हो जाते हैं और नम्बर मिलाना शुरू कर देते हैं. लेकिन नम्बर या तो व्यस्त बताता है, लगेगा नहीं या तो बंद जाता है.
इन नम्बरों के साथ कुछ लाइन जरूर लिखी होती हैं, जिनमें किसी भी हॉस्पिटल में बेड का इंतजाम, रेमडेसिविर का इंजेक्शन, प्लाज्मा डोनर और ऑक्सिजन सिलेंडर चाहिए तो कॉल कर आप सुविधा ले सकते हैं. हालांकि लोग इन नम्बरों को बिना मिलाए आगे फॉरवर्ड करते जा रहे हैं, जिसके कारण इन नम्बरों की भरमार हो चुकी है. वहीं इन नम्बरों की वजह से सही नम्बरों पर लोग बात नहीं कर पा रहे हैं. हमने भी इन नम्बरों पर कॉल कर इनकी पुष्टि करने की कोशिश की और ये जानना चाहा कि क्या ये नम्बर वाकई में मददगार हैं या नहीं ?
फॉरवर्ड मैसेज के अनुसार दिल्ली स्थित लॉरेंस रोड पर इंजेक्शन उपलब्ध हैं, इसके बाद हमने मैसेज पर छपे नम्बर पर कॉल किया, कई बार कॉल करने पर पहले तो उठाया नहीं गया, वहीं कुछ वक्त बाद ये नम्बर व्यस्त बताने लगा. इसके बाद हमने एक और दूसरे नम्बर पर कॉल किया जो की बंद बताता रहा. हालांकि ट्र कॉलर पर ये नम्बर आंध्र प्रदेश का दर्शा रहा है.
हमने दूसरे फॉरवर्ड मैसेज के नम्बर को मिलाया, जिसमें लिखा था कि दिल्ली में रेमडेसिवर इंजेक्शन के लिए मिलाएं, जब हमने इस नम्बर पर मिलाया तो व्यस्त बताने लगा, फिर थोड़ी देर बाद कोशिश की तो भी व्यस्त बताता रहा, वहीं उधर से किसी शख्स ने नम्बर काट दिया. अगले फॉरवर्ड मैसेज में प्लाज्मा प्राप्त करने के लिए केएबी वेलफेयर फाउंडेशन नामक एक संस्था का नंबर दिया हुआ था, जो कि बंद बता रहा था. उसी मैसेज में डीवाईएफआई दिल्ली कर एक नम्बर दिया हुआ था. हालांकि वह भी बंद जा रहा था.
इसी तरह कई अन्य फॉरवर्ड मैसेज इस वक्त व्हाट्सएप, ट्विटर या फेसबुक पर घूम रहे हैं, नम्बर या तो बंद जा रहे थे या नम्बर लग नहीं रहे थे. हालांकि न जाने कितने अनजान लोग इन नम्बरों को फॉरवर्ड कर आगे पहुंचा रहे हैं, लेकिन उन्हें ये मालूम की नहीं की ये नम्बर फर्जी भी हो सकते हैं. दरअसल सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने कोरोना संक्रमित गम्भीर मरीजों की मदद की, जिसके बाद ये ट्रेंड शुरू हुआ और लोग जमकर मददगार बनने लगे. जिसके कारण हर दूसरा शख्श मरीजों के मदद के लिए आगे आ रहे हैं.
सिप्ला नामक कंपनी के नाम से एक मैसेज भी वायरल हो रहा है जिसमें लिखा गया है कि रेमडेसिवर इंजेक्शन के लिए यहां संपर्क कर सकते हैं. यह नंवर तो सही है लेकिन इसमें कॉल करने पर प्री रिकॉर्डेड मैसेज सुनाई देता है. इसमें कहा जाता है कि, दवाई 4-5 दिन में उपलब्ध हो सकती है और हम हर कॉल को रजिस्टर कर रहे हैं और जब भी दवाई की उपलब्धता होगी तो संपर्क करेंगे. फिलहाल सोशल मीडिया पर घूम रहे कई नम्बरों पर हमने संपर्क करने की कोशिश की लेकिन एक भी नम्बर ऐसा नहीं मिला जिसपर बात हो सके.
Source : IANS