नेटफ्लिक्स (Netflix) या अमेज़न (amazon) जैसे OTT (Over the Top) प्लेटफॉर्म अब पहले की तरह सेक्स और गाली नहीं परोस पाएंगे, क्योंकि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल ऑडियो विजुअल कॉन्टेंट और वेब शो के लिए OTT प्लेटफॉर्म के लिए भी सेंसर के नियम लागू कर दिए हैं. इस तरह OTT पर अब पहले की तरह दर्शकों को एक्सपीरियंस नहीं मिल पाएगा. इसके अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के न्यूज और करेंट अफेयर्स भी सरकार के दायरे में होगा. एक गैजेट जारी कर सरकार ने इसे नोटिफाई कर दिया है.
सितंबर में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (I&B Ministry) ने इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) की तरफ से जारी सेल्फ रेगुलेशन कोड को सपोर्ट करने से मना कर दिया था. बता दें कि इस समय देश में करीब 15 वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स काम कर रहे हैं.
इससे पहले सेंसरशिप या सरकारी दखल के बजाय OTT कंपनियों ने सरकार के कहने पर एक फ्रेमवर्क बनाया था और इस महीने की शुरुआत में ही इन OTT प्लेटफॉर्म्स ने IAMAI के तहत सेल्फ रेगुलेशन कोड पर साइन किया था, जिसमें कंज्यूमर कंप्लेन डिपार्टमेंट या एडवाइजरी पैनल बनाने की बात कही गई थी. पैनल में बच्चों के अधिकारों, जेंडर इक्वालिटी के लिए काम करने वाले लोग शामिल हो सकते हैं.
मंत्रालय की ओर से कहा गया है, ‘इंडस्ट्री ने जो सेल्फ रेगुलेटरी मैकेनिज्म बनाया है, उसमें प्रोहिबिटेड कॉन्टेंट का कोई क्लासीफिकेशन नहीं किया गया है. IAMAI ने पहले दो लेयर वाले स्ट्रक्चर की सिफारिश की थी, लेकिन मिनिस्ट्री को यह पसंद नहीं आया.' उसके बाद सरकार ने OTT को अपने दायरे में ले लिया है.
Source : News Nation Bureau