देश में चीनी उत्पादों को नजरअंदाज किए जाने का लाभ दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग को मिला है और ऐसा कहने की वजह यह है कि साल की दूसरी तिमाही (अप्रैल से जून तक की अवधि) में यह भारत में 26 फीसदी मार्केट शेयर के साथ दूसरा सबसे बड़ा ब्रांड बन गया है. एक काउंटरपॉइंट रिसर्च रिपोर्ट में शुक्रवार को इसका खुलासा हुआ है. दरअसल, लॉकडाउन के बाद इस अवधि के दौरान बाजार में स्मार्टफोन की मांग बढ़ी और कंपनी ग्राहकों की इस मांग को पूरा करने के लिए अपने कई सारे मॉडल के साथ पहले से ही तैयार थी.
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सैमसंग इस मामले में शाओमी के बिल्कुल पीछे है जो 29 फीसदी मार्केट शेयर के साथ दूसरी तिमाही में पहले स्थान पर बना हुआ है. काउंटरपॉइंट की मार्केट मॉनिटर सर्विस के मुताबिक, एम-सीरीज को नए रूप में पेश करने और सैमसंग केयर प्लस जैसे नए स्कीम के साथ इसे ऑफलाइन चैनलों में लॉन्च करने से ब्रांड को भारतीय बाजार में अपने स्थिति आगे बनाए रखने के लिए कारगर साबित हुई.
रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि सैमसंग के पास अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में एक विविध आपूर्ति श्रृंखला भी है, जो मार्केट में इसकी स्थिति को स्थिर रखने में सहायक है. यह जून के अंत तक लगभग पूर्ण विनिर्माण क्षमता तक पहुंचने वाला पहला ब्रांड था.
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काउंटरपॉइंट में रिसर्च एनालिस्ट शिल्पी जैन ने कहा, "साल 2020 की दूसरी तिमाही में चीनी ब्रांड्स का योगदान 81 फीसदी से घटकर सीधे 72 फीसदी तक आ गया. ऐसा मुख्यत: ओप्पो, वीवो और रियलमी जैसे कुछ प्रमुख चीनी ब्रांड्स की आपूर्ति में रूकावट और बढ़ते चीन-विरोधी बयानों के चलते हुआ."
Source : IANS