Internet Outages : दुनियाभर में Microsoft Windows आउटेज के बाद भारत में भी एयरलाइन सेवाएं प्रभावित हुई हैं. जिसके कारण कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. क्या आप जानते हैं कि यह आउटेज कैसे होता है, अगर नहीं, तो हम आपको आउटेज के बारे में बताने जा रहे हैं. यहां कई आउटेज के कारण बताए गए हैं, जिनमें से कोई भी हो सकता है. अगर आपको बार-बार आउटेज का सामना करना पड़ रहा है, तो अपने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से बात करें ताकि वे जांच कर सकें और समस्या का समाधान कर सकें.
इंटरनेट आउटेज से अलग-अलग तरह के नुकसान हो सकते हैं, जो व्यक्तिगत, व्यावसायिक और सामाजिक स्तर पर प्रभाव डाल सकते हैं. इंटरनेट आउटेज के कई कारण हो सकते हैं. तो चलिए जानते हैं.
1 - नेटवर्क कंजेशन: जब काफी ज्यादा लोग एक साथ इंटरनेट का यूज करते हैं, तो नेटवर्क ओवरलोड हो सकता है, जिससे आउटेज हो सकता है.
2 - हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर फेल्योर: किसी राउटर, स्विच या अन्य नेटवर्क हार्डवेयर में खराबी होने पर इंटरनेट आउटेज हो सकता है. इसके अलावा, सॉफ्टवेयर बग या ग्लिच भी आउटेज का कारण बन सकते हैं.
3 - खराब मौसम: तूफान, भारी बारिश, बर्फबारी आदि जैसी खराब मौसम की स्थिति नेटवर्क केबल्स और उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे आउटेज हो सकता है.
4 - कंस्ट्रक्शन या खुदाई: किसी निर्माण कार्य या खुदाई के दौरान गलती से नेटवर्क केबल्स कट जाने से आउटेज हो सकता है.
5 - साइबर अटैक: DDoS जैसे साइबर अटैक भी नेटवर्क को डाउन कर सकते हैं, जिससे आउटेज हो सकता है.
6 - मेंटेनेंस या अपग्रेड: नेटवर्क प्रदाताओं द्वारा मेंटेनेंस या सिस्टम अपग्रेड के दौरान भी अस्थायी आउटेज हो सकता है.
आउटेज होने से किस-किस पर प्रभाव पड़ता है
समाचार और सूचनाओं का अभाव: इंटरनेट आउटेज के कारण लोग ताजा खबरें और महत्वपूर्ण सूचनाएं नहीं पा सकते हैं.
मनोरंजन का नुकसान: स्ट्रीमिंग सर्विस, ऑनलाइन गेमिंग और सोशल मीडिया तक पहुंच नहीं होने के कारण मनोरंजन में कमी हो सकती है.
शिक्षा में बाधा: ऑनलाइन क्लासेस और स्टडी मटेरियल तक पहुंच नहीं होने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है.
उत्पादकता में कमी: कर्मचारी इंटरनेट आउटेज के दौरान अपने काम को प्रभावी ढंग से नहीं कर पाते, जिससे उत्पादकता में गिरावट आ सकती है.
वित्तीय नुकसान: ई-कॉमर्स साइट्स और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन्स पर निर्भर व्यवसायों को सीधे वित्तीय नुकसान हो सकता है.
आपातकालीन सेवाओं में देरी: इंटरनेट पर आधारित आपातकालीन सेवाओं में देरी हो सकती है, जिससे गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
टेलीहेल्थ सेवाओं में रुकावट: ऑनलाइन चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच नहीं होने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.
सुरक्षा खतरों में वृद्धि: इंटरनेट आउटेज के दौरान सुरक्षा निगरानी और स्मार्ट होम डिवाइसेस की कार्यक्षमता में कमी आ सकती है, जिससे सुरक्षा संबंधी खतरों में वृद्धि हो सकती है.
इन सभी नुकसानों को ध्यान में रखते हुए, इंटरनेट आउटेज को कम से कम करने के लिए उपाय करना जरूरी है.
Source : News Nation Bureau