सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajpoot) केस में हार्ड डिस्क नष्ट होने का मामला सामने आया है. सिद्धार्थ पीठानी ने माना है कि 8 जून को 8 हार्ड डिस्क नष्ट की गई थीं और इसमें आईटी प्रोफेशनल की मदद ली गई थी. अब इस बात की जांच होनी है कि हार्ड डिस्क में किस तरह का डेटा था और इसे कैसे नष्ट किया गया. जानकार बताते हैं कि हार्ड डिस्क नष्ट होने के बाद भी डेटा रिकवरी संभव है, लेकिन यह कैसे नष्ट किया गया, उस पर भी डेटा रिकवरी डिपेंड करता है.
जानकार बताते हैं कि Class 100 क्लीन रूम में हार्ड ड्राइव को ओपन किया जाता है और प्रॉब्लम चेक किया जाता है. हेड या पीसीबी, सभी ट्रैडिशनल हार्ड ड्राइव में हेड होता है. अगर प्लैटर डैमेज नहीं हुआ है तो डेटा रिकवर हो सकता है. टूटी हुई हार्ड डिस्क या डैमेज्ड डिस्क से डेटा रिकवर करने के लिए उसे उसी तरह के लैब में खोला जाता है, जहां उसे बनाया गया है. इस डिवाइस में एक आउटर केसिंग और अंदर एक डिस्क होती है. डिस्क में डेटा स्टोर होता है और ये स्पिन करती है. अगर हार्ड डिस्क को पानी में डूबो दिया जाए तो भी डेटा रिकवर किया जा सकता है.
हार्ड डिस्क नष्ट करने के तरीके : हार्ड डिस्क नष्ट करने के मोटे तौर पर दो तरीक़े हैं - फ़िज़िकल और वर्चुअल. फ़िज़िकल में हार्ड डिस्क तोड़ दी जाती है और पानी में डाल दिया जाता है या फिर जला दिया जाता है. वर्चुअल तरीके के तहत हार्ड डिस्क का डेटा फ़ॉर्मेट कर दिया जाता है इसके भी कई तरीक़े होते हैं. बाद में कोई डेटा रिकवर न कर ले, इसके लिए हार्ड डिस्क फ़ॉर्मेट करने के बाद इसमें ओवर राइट किया जाता है.
हार्ड डिस्क से डेटा फ़ॉर्मेट करने के बाद उसमें फिर से डेटा सेव किया जाता है और बार-बार फॉर्मेट किया जाता है. फ़िज़िकल डैमेज में श्रेडिंग और ड्रिलिंग मेथड शामिल हैं. ड्रिलिंग के तहत हार्ड डिस्क में कई होल किए जाते हैं, ताकि डेटा रिकवर न होने पाए. श्रेडिंग के तहत इसे श्रेडर में डालकर कई छोटे टुकड़े कर दिए जाते हैं. इसके अलावा हार्ड डिस्क को पिघला कर भी नष्ट किया जा सकता है.
Source : News Nation Bureau