कौन-सा OS देता है ज्यादा सुविधाएं, Android vs iOS, जानें

पूरी तरह से डिजिटल की ओर बढ़ रहे इस समय में लोगों को ज्यादा से ज्यादा काम एक ही जगह करने व तेजी से करने की आदत हो रही है. आजकल लोग अक्सर ये बात सोचते रहते हैं कि एंड्रॉयड और आईफोन में से आखिर कौन-सा फोन अच्छा होता है.

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rajneesh pandey
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ANDROID VS IPHONE

ANDROID VS IPHONE( Photo Credit : News Nation)

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पूरी तरह से डिजिटल की ओर बढ़ रहे इस समय में लोगों को ज्यादा से ज्यादा काम एक ही जगह करने व तेजी से करने की आदत हो रही है. आजकल लोग अक्सर ये बात सोचते रहते हैं कि एंड्रॉयड और आईफोन में से आखिर कौन-सा फोन अच्छा होता है. कौन-सा फोन हमें प्रयोग में लाना चाहिए? क्या आईफोन का iOS बेहतर होगा या फिर एंड्रॉयड? तो आइए आपको बताते हैं कि किन ट्रिक्स को अपना कर आप अपने ही फोन से ज्यादा से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन प्राप्त कर सकते हैं.

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स्टोरेज बढ़ाने अथवा घटाने की सुविधा

एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में स्टोरेज को घटाया व बढ़ाया जा सकता है. लेकिन वहीं आईफोन ऐसी कोई सुविधा नहीं उपलब्ध कराता है. हालांकि, कुछ एंड्रॉइड फोन ऐसे भी आ रहे हैं, जिनमें माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए स्टोरेज बढ़ाने का ऑप्शन हटा दिया गया है. एंड्रॉइड फोन के इस फीचर की बदौलत आप ज्यादा मीडिया और ज्यादा ऐप रख सकते हैं. इसके अलावा आप बड़े स्तर पर फाइल डाटा को दूसरी डिवाइस पर ट्रांसफर कर सकते हैं. अन्य फायदा यह भी है कि आप कुछ एंड्रॉइड फोन को एक्सटर्नल यूएसबी स्टोरेज ड्राइव में प्लग कर सकते हैं और उनकी फाइल ब्राउज कर सकते हैं. अगर आपके फोन में यूएसबी-सी पोर्ट दिया गया है तो आप टाइप-सी कनेक्शन के साथ यूएसबी फ्लैश मेमोरी ड्राइव भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

केवल आवश्यक एप्लीकेशन्स को फोन में रखें

फोन में मैप्स, इमेल, ब्राउजर और आदि समेत काफी कुछ मिलता है, जिनमें से आप कुछ को पसंद करेंगे और कुछ की आपको जरूरत नहीं होगी. जैसे कि आप सिर्फ पॉडकास्ट नहीं चाहते हैं तो आप उसे हटा सकते हैं. उसके अलावा स्मार्टफोन निर्माता कुछ अपनी ऐप्स भी देते हैं, जिनका आपको कभी भी इस्तेमाल नहीं पड़ता है. एंड्रॉइड फोन में आपको सिर्फ किसी ऐप के आइकन को लॉन्ग प्रेस करना है और उसके बाद i एंट्री का चयन करें, जहां आप इसे अनइंस्टॉल कर सकते हैं. वहीं, कुछ स्टॉक ऐप्स होती हैं, जिन्हें आप अनइंस्टॉल नहीं कर सकते हैं. जैसे कि वेब ब्राउजर के तौर पर सिर्फ Firefox या Edge इस्तेमाल करते हैं तो भी आप Google Chrome ब्राउजर अनइंस्टॉल नहीं कर सकते हैं. ऐसी ऐप्स को आप डिसेबल कर सकते हैं, जिससे वह इंटरफेस पर नजर नहीं आएंगी और रिसोर्स सिस्टम को फ्री कर देंगी.

अलग सोर्स से डाउनलोड करें एपलीकेशंस

अगर आईफोन के मुकाबले बात करें तो एंड्रॉइड एक ओपन सर्विस है, जिसमें आपको सिर्फ कंपनी के ही ऐप स्टोर से ऐप डाउनलोड करने की अनुमति नहीं होती है बल्कि आप अन्य सोर्स से भी ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। वैसे तो ऐसा कुछ भी नहीं होता है जो कि गूगल प्ले स्टोर पर नहीं मिलता है। आप चाहें तो अपने फोन के ऐप स्टोर से भी ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा APK फाइल भी इंस्टॉल कर सकते हैं। अगर आप गूगल प्ले स्टोर के अलावा कहीं और से ऐप डाउनलोड कर रहे हैं तो यह ध्यान दें कि वह एक जाना-माना सोर्स है या नहीं है, क्योंकि कई बार थर्ड पार्टी ऐप स्टोर से ऐप डाउनलोड करना नुकसानदायक साबित हो सकता है।

डिजिटल वेलबींग का करें इस्तेमाल

रात भर जागकर मैसेज करना और स्क्रॉल करना हेल्थ के लिए ठीक नहीं है. Android 11 का बेडटाइम मोड डिजिटल वेलबीइंग फीचर के तहत है. यह आपके फोन को एक तय समय पर साइलेंस करता है और स्क्रीन को ब्लैक-एंड-व्हाइट में भी चेंज करता है. अगर आपको लंबे समय तक स्क्रीन देखने के बाद आराम चाहिए तो ड्रॉपडाउन मेन्यू में एक पाउज ऑप्शन दिया गया होता है. अगर आप ज्यादा स्लीप टिप्स खोज रहे हैं तो उसकी भी आपको जानकारी मिलेगी.

क्विक सेटिंग्स का प्रयोग करें

एंड्रॉइड स्मार्टफोन में आप क्विक सेटिंग्स को पूरा देखने के लिए आपको दो बार स्वाइप करना होता है. ऐसा करने के बाद भी दो पेज हैं. आप यह चेक कर सकते हैं कि आपको जिन सेटिंग्स की ज्यादा जरूरी होती है तो वह पहली स्वाइप-डाउन लिस्ट में रहें. इसके लिए आपको सिर्फ पेंसिल आइकन प्रेस करना है और आप फोकस मोड या डार्क मोड स्विच जैसे जरूरी टूल्स शामिल कर सकते हैं.

एंटीवायरस का प्रयोग करें

यह बात सभी जानते हैं कि एंड्रॉइड स्मार्टफोन, आईफोन की तुलना में ज्यादा ओपन होते हैं. गूगल ने काफी ज्यादा सेफ्टी प्रदान की है, लेकिन हम मानते हैं कि उसके बाद भी कुछ न कुछ खतरा रहता है. अगर आप अपने फोन में एंड्रॉइड के लिए एंटीवायरस ऐप रखते हैं तो उससे सेफ्टी बढ़ जाती है. ऐसे में गूगल प्ले स्टोर पर एक से बढ़कर एक ऐप्स मौजूद हैं जो कि फोन को सेफ्टी प्रदान करती हैं. ऐसे में यह कंफर्म होता है कि आप बेकार ऐप्स इंस्टॉल नहीं कर रहे हैं और कोई मैलवेयर स्कैन नहीं हो रहा है.

नोटिफिकेशंस को कस्टमाइज करना

एंड्रॉइड 11 बेस्ड स्मार्टफोन में आप मैसेज नोटिफिकेशन को कस्टमाइज कर सकते हैं, जिसमें आप यह चयन कर सकते हैं कि आपके लिए कॉन्टेक्ट में क्या अहम है. फिर आप मैसेज को किसी भी अन्य चल रहे ऐप्स के टॉप पर बबल के तौर पर दिखने के लिए सेट कर सकते हैं. इसके लिए आपको उन्हें सेटिंग में ऑन करना है और कॉन्टेक्ट की प्राथमिकता तय करनी है. एक नोटिफिकेशन के अंदर बबल के लिए तीन ऑप्शन के साथ सेटिंग है, सभी बातों को बबल कर सकते हैं.

HIGHLIGHTS

  • स्टोरेज बढ़ाने अथवा घटाने की सुविधा
  • नोटिफिकेशंस को कस्टमाइज करना
  • केवल आवश्यक एप्लीकेशन्स को फोन में रखें
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