आखिर दुनिया के सबसे पॉपुलर इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp को छोड़कर दूसरे अल्टरनेटिव्स की ओर क्यों भाग रहे हैं? दरअसल, पिछले बुधवार को WhatsApp ने यूजर्स को एक नोटिफिकेशन भेजकर एप्रूव करने या रिजेक्ट करने का ऑप्शन दिया था. उस नोटिफिकेशन की शर्त यह थी कि 8 जनवरी तक इसे एप्रूव नहीं करने पर आपका व्हाट्सएप अपने आप डिलीट हो जाता. नए नोटिफिकेशन के अनुसार, कंपनी यूजर डेटा पर अधिक निगरानी रख सकेगी.
व्हाट्सएप के इस नोटिफिकेशन के चलते दुनिया भर में लोग दूसरे इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप की ओर मूव कर रहे हैं और उनके लिए Signal और Telegram सबसे पसंदीदा ऐप बन रहे हैं. Signal ऐप यूजर डेटा के नाम पर लोगों से केवल कॉन्टैक्ट नंबर लेता है. दुनियाभर में जर्नलिस्ट, एक्टिविस्ट, पॉलिटिशियन्स, लॉयर्स और सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स आदि बड़ी संख्या में इसका इस्तेमाल करते हैं. आज हम आपको इस ऐप की खास बातें बताएंगे.
Signal Messenger LLC मोजिला (Mozilla) जैसे एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन सिग्नल फाउंडेशन के अधीन काम करता है. एनक्रिप्टेड टेक्स्टिंग के लिहाज से यह ऐप काफी अच्छा है. नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन सिग्नल फाउंडेशन का किसी टेक कंपनी से साझेदारी नहीं है. Signal यूजर्स के डोनेशन सपोर्ट से इस ऐप का डेवलपमेंट होता है.
Signal ऐप का सोर्स कोड पब्लिक डोमेन में है और दुनियाभर के सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स इसे चेक कर सकते हैं. Signal आपकी प्रोफाइल फोटो, वॉयस-वीडियो कॉल्स, अटैचमेन्ट्स, स्टिकर्स और लोकेशन पिन्स को एनक्रिप्ट कर देता है.
यह ऐप आपके मैसेजेस का असुरक्षित बैकअप्स क्लाउड को नहीं भेजता है. इन्हें आपके फोन में एनक्रिप्टेड डेटाबेस में स्टोर किया जाता है. Signal अपने सर्वर में आपके कॉन्टैक्ट्स नंबर तक नहीं रखता और आपको फ्रेंड्स मैच कराने के लिए दूसरी प्राइवेसी फ्रेंडली मेथड का यूज करता है.
Source : News Nation Bureau