Advertisment

RBI ने UPI एक्सचेंज की सीमा बढ़ाई, 5 लाख रुपये तक कर सकेंगे एक्सचेंज

RBI ने टैक्स पेमेंट के लिए UPI एक्सचेंज को बढ़ा दिया है. इस फैसले का उद्देश्य डिजिटल लेंडिंग को ज्यादा सुरक्षित बनाना है, जिससे देश में डिजिटल फाइनेंशियल सर्विस को बढ़ावा मिल सके.

author-image
Garima Singh
New Update
RBI News

RBI News

Advertisment

RBI News: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने टैक्स पेमेंट के लिए UPI एक्सचेंज की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है, जो पहले 1 लाख रुपये थी. अब यूजर्स 1 लाख के बजाय 5 लाख रुपये UPI एक्सचेंज कर पाएंगे. इस कदम का उद्देश्य यूजर्स  के लिए ज्यादा कीमत  वाले टैक्स एक्सचेंज को और भी ज्यादा सुविधाजनक बनाना है. हालांकि, रेपो दर को 6.5% पर ही स्थिर रखा गया है. तो चलिए जानते हैं कि RBI ने क्या-क्या बदलाव किए हैं.

क्या होगा फायदा

UPI एक्सचेंज में वृद्धि: RBI ने टैक्स पेमेंट के लिए UPI की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. यह उन यूजर्स के लिए एक बड़ा फायदा है जो ज्यादा कीमत वाले टैक्स पेमेंट करते हैं. अब वे लगभग 5 लाख रुपये तक का पेमेंट UPI के जरिए से कर सकते हैं, जो पहले केवल 1 लाख रुपये तक ही सीमित था.

रेपो रेट: रेपो रेट, जो कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वाणिज्यिक बैंकों को शॉर्ट टर्म लोन देने के लिए उपयोग की जाने वाली ब्याज दर है, उसे 6.5 % तक ही रखा गया है. इसका मतलब है कि बैंकों द्वारा ग्राहकों को दिए जाने वाले ऋणों (लोन) पर ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं होगा.

क्या है उद्देश्य: इस फैसले का मेन उद्देश्य डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देवा और यूजर्स के लिए बड़े टैक्स पेमेंटों को सरल और सुविधाजनक बनाना है.

इससे क्या प्रभाव पड़ सकता है: बढ़ी हुई UPI सीमा से उम्मीद है कि टैक्स पेमेंट में ज्यादा पारदर्शिता आएगी और लोग टैक्स पेमेंट के लिए ज्यादा डिजिटल तरीकों का यूज करेंगे.

गवर्नर दास ने दी जानकारी

गवर्नर दास ने यह भी घोषणा की कि रेपो दर 6.5 % पर स्थिर बनी रहेगी. इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल लेंडिंग इकोसिस्टम को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इनमें से एक प्रमुख कदम एक सार्वजनिक रिपॉजिटरी का निर्माण है, जो एक विनियमित संस्था के तहत चलाई जाती है, ताकि सटीक क्रेडिट जानकारी सुनिश्चित की जा सके.

इसके साथ ही, लेंडर्स को अब हर दो हफ्ते में क्रेडिट जानकारी को क्रेडिट सूचना कंपनियों (CIC) को रिपोर्ट करना अनिवार्य कर दिया गया है. इससे उधारकर्ताओं को तेजी से अपडेट प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे क्रेडिट स्कोर और उधारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी.

इसे पढ़ें:News Nation Tech News: आज की लेटेस्ट टेक की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

RBI News Paytm KYC RBI News tech news Latest RBI News UPI payments gadget news Gadget news in Hidni RBI news in hindi hindi tech news
Advertisment
Advertisment
Advertisment