आजकल तकनीक का जमाना है और हर तफर AI के चर्चे हैं. इसी बीच अब Crime GPT भी काफी मशहूर हो रहा है. अगर आपको नहीं मालूम तो बता दें कि, ये एक ऐसा खास टूल है, जिसकी मदद से पुलिस क्रिमिनल को दबोच रही है. ये टूल न सिर्फ क्रिमिनल्स के डाटा की पड़ताल करता है, बल्कि CCTV की निगरानी करने में भी माहिर है. इसके और भी कई फायदे हैं, चलिए आर्टिकल में आगे जानते हैं...
दरअसल गुरुग्राम बेस्ड एआई स्टार्टअप कंपनी स्टैक टेक्नोलॉजीज ने इसे तैयार किया है, जिसका नाम है त्रिनेत्र 2.0. ये कम समय में किसी भी क्रिमिनल का सारा डाटा मुहैया कराने में सक्षम है. साथ ही यह टूल क्रिमिनल पर नजर बनाए रखने और उसे हिरासत में रखने में भी मदद करता है. यह Crime GPT क्रिमिनल्स के डेटाबेस से इंटीग्रेटेड रहता है, जिसे लॉ इंफोर्समेंट एजेंसी एक्सेस करके क्रिमिनल्स की पहचान कर सकती है.
इसमें है कई सारी खूबियां...
इस क्राइम जीपीटी टूल का मकसद सिक्योरिटी को मजबूत करना है. इसपर मौजूद लाखों क्रिमिनल्स का डेटाबेस किसी भी लोकेशन पर आसानी से ट्रेस किया जा सकता है. ये पिछले दो सालों में क्रिमिनल द्वारा किए गए क्राइम्स के बारे में भी जानकारी देने में सक्षम है. इस Crime GPT त्रिनेत्र 2.0 में कई सारी खूबियां हैं, जैसे कि पुलिस फेशियल रिकॉग्निशन फीचर का इस्तेमाल कर पाएगी. इससे अपराधी का फोटो सर्च करके जानकारी हासिल की जा सकती है. साथ ही ऑडियो सर्च सुविधा भी है, जिससे महज अपराधी की आवाज से उसकी पहचान संभव हो सकेगी.
गुमशुदा की तलाश में भी मददगार
न सिर्फ इतना, बल्कि त्रिनेत्र 2.0 लापता लोगों की तलाश करने में भी मददगार है. इसका फोटोग्राफ और फेशियल रिकग्निशन फीचर गुमशुदा लोगों की तलाश करने में भी काफी ज्यादा सहायक रहेगा. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश पुलिस लंबे वक्त से इस Crime GPT का इस्तेमाल कर रही है. वहीं अब नागपुर पुलिस ने भी इस टेक्नोलॉजी को लागू कर दिया है, जिसे सिंबा नाम दिया गया है.
अब ये न सिर्फ लाखों क्रिमिनल्स के डाटा की जांच करेगी, बल्कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उनकी पहचान भी करेगी. ऐसे में आपको क्या लगता है, क्या Crime GPT टूल भारत के बाकी राज्यों को भी इस्तेमाल होना चाहिए या नहीं?