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दिल का दौरा पड़ने से 30 मिनट पहले अर्लट कर देगा एआई

देश में इसके संभावित इस्तेमाल पर एम्स के हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर ने लिखा शोध पत्र. 74 फीसदी मामलों में आधे घंटे पहले ही भांप लेगा जोखिम.

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Neha Singh
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heart attack

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Heart Attacks: दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेनक (एआई) काफी तरक्की कर रहा है. इसके जितने नुकसान हैं, उतने ही फायदे भी हैं. अब एक शोध पत्र में सामने आया है कि दिल का दौरा पड़ने से 30 मिनट पहले ही एआई अर्लट कर देगा. AI ने चिकित्सीय और इलाज को आसन के बनाया है. सोचिए अगर एआई की मदद से सिस्टोलिक बीपी (रक्तचाप), हार्ट रेट, शरीर का तापमान, सांस दर जैसी चार सामान्य जांच दिल का दौरा यानि समय रहते हार्ट अटैक आने से पहले ही पता लगा ले तो कितना बेहतर होगा. 

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चौंकाने वाले नतीजे 

एम्स दिल्ली के हदय रोग विभाग के प्रोफेसर एस रामकृष्णन ने एआई के बारे में किए एक शोध में चौंकाने वाले नतीजे दिए हैं. उन्होंने इसके देश में संभावित इस्तेमाल पर शोध पत्र भी प्रकाशित किया है.

कोरियाई अस्पताल में मॉडल 

प्रोफेसर ने अपने लेख में बताया कि कोरिया के एक अस्पाल के डॉक्टरों ने एक ऐसा एआई मॉडल बनाया है. अस्पताल में भर्ती मरीजों को चार सामान्य जांच के आधार पर हार्ट अटैक (दिल की धड़कन रुकना) से आधा घंटे पहले ही इसके बारे में अलर्ट देता है. 

14 घंटे पहले ही बताने में सक्षम

अध्ययन में पता चला कि 74 फीसदी मामलों में आधे घंटे पहले ही हार्ट अटैक आने के खतरे के बारे में बताया है. यह एआई मॉडल अन्य मामलों में 14 घंटे पहले ही इसके खतरे के बारे में बताने में सक्षम है. दरअसल हार्ट अटैक उस स्थिति को कहते हैं जब दिल की धड़कन रुक जाती है. जल्द ही इलाज न मिलने पर मौत भी हो सकती है. 

मददगार हो सकती है तकनीक 

रामकृष्णन ने बताया कि देश में इस तकनीक का बखूबी इस्तेमाल हो सकता है. बच्चों की दिल की सर्जरी के बाद तीन से छह फीसदी मामलों में उन्हें कार्डियक अरेस्ट आता है. इस वजह से बहुत बच्चों की जान चली जाती है. 

लोगों की बचाई जा सकती है जान 

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कई अध्ययनों में यह बात पता चली है कि अगर कार्डिक अरेस्ट के बारे में पहले से ही आगाह कर देने वाला यही मॉडल यहां इस्तेमाल होता है तो इससे लोगों की जान बचाई जा सकती है.

धड़कना बंद कर देता है दिल 

हार्टअटैक या दिल का दौरा तब होता है, जब हृदय में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है. कार्डियक अरेस्ट तब होता है, जब हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है. घड़कनें दिल का दौरा पड़ने के बाद ही रुकती है. हालांकि, दिल से जुड़ी सभी बीमारियों में घड़कनें नहीं रुकती.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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