Cancer in Young Adults: भागदौड़ और स्ट्रेस से भरी लाइफस्टाइल का सीधा असर आजकल युवाओं की सेहत पर पड़ रहा है. हर कोई किसी न किसी फिजीकल या मेंटल प्रॉब्लम से परेशान है. ऐसे में सबसे चिंताजनक बात ये है कि खराब लाइफस्टाइल, खानपान में लापरवाही, शरीर का प्रॉपर ध्यान न रखने की वजह से कैंसर (Cancer) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. एक रिसर्च के अनुसार, भारतीय युवाओं और किशोरों में सिर और गले (head and neck cancer) के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, बीते 20 साल के दौरान युवाओं में सिर और गले के कैंसर के मामले 51 फीसदी तक बढे़ हैं. इसके पीछे क्या है कारण और कैसे होता है इसका इलाज जानने के लिए पढ़िए ये खास रिर्पोट.
क्या है हेड एंड नेक स्क्वामस सेल कार्सिनोमा
कई बार शरीर में कैंसर की कोशिकाएं या ट्यूमर बढ़ने लगती हैं. होंठों, मुंह की नली, फैरिंक्स या लैरिंक्स में जब ये कोशिकाएं बढ़ती हैं तब इन्हें हेड एंड नेक स्क्वामस सेल कार्सिनोमा (HNSCC) कहा जाता है. आम बोलचाल की भाषा में समझें तो इसे सिर और गर्दन का कैंसर कहते हैं.
धूम्रपान और तंबाकू का सेवन मुख्य
एक्सपर्ट्स की मानें तो भारतीय युवाओं में कैंसर बढ़ने की वजह धूम्रपान और तंबाकू के सेवन की आदत है. इसके अलावा, धूल-मिट्टी, वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से भी नैसोफैरिंक्स कैंसर हो सकता है, जो एक तरीके से नाक और गर्दन का कैंसर होता है. इतना ही नहीं बहुत ज्यादा मात्रा में प्रोसैस्ड और फ्राइड फूड आइटम खाने से भी फूड पाइप का कैंसर हो सकता है .
सिर और गर्दन के होते हैं ये कैंसर
ओरल कैविटी कैंसर
- फैरिंक्स कैंसर
- लैरिंक्स कैंसर
- नैसल कैविटी कैंसर
- सैलिवरी ग्लैंड्स कैंसर
इलाज की ये है प्रक्रिया
सिर और गर्दन में कैंसर होने पर शुरूआती मामलों में इलाज के लिए अक्सर कीमोथेरेपी की मदद ली जाती है. कीमोथेरेपी से भी मरीजों को कई तरह की समस्याएं होती हैं. साथ ही इसके साइड इफेक्ट भी होते हैं. हालांकि अब इसकी जगह इम्यूनोथेरेपी का भी इस्तेमाल होने लगा है. इसके अलावा टारगेट थेरेपी भी इस तरह के कैंसर को कम करने में मददगार है.
हेल्दी लाइफस्टाइल सबसे जरूरी
एक्सपर्ट्स के अनुसार हेड एंड नेक कैंसर से बचने के लिए आपको हेल्दी लाइफस्टाइल जीनी चाहिए, तंबाकू और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए और अनहेल्दी फूड आइटम से बचना चाहिए.
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