Chandipura Virus: गुजरात के कई जिलों में चांदीपुरा वायरस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. इस वायरस की वजह से अब तक 32 जानें जा चुकी हैं. वहीं संक्रमण की संख्या 84 पहुँच गई है. गुजरात के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी चांदीपुरा वायरस के केस सामने आ रहे हैं.
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चांदीपुरा वायरस क्या है? ये कितना खतरनाक है, इससे कैसे बचाव करें और सरकार का इस पर क्या कहना है? आज के इस खबर में इस पर बात करेंगे. दरअसल, चांदीपुरा वायरस एक ऐसा वायरस है जो सीधे बच्चों पर अटैक करता है. उसका कहना है कि इस वायरस से संक्रमित होने पर अड़तालीस से 72 घंटे के भीतर मौत हो जाती है. चांदीपुरा वायरस एक आरएनए वायरस है. ये वायरस सबसे ज्यादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से ही फैलता है. मच्छर में एडीस ही इसके पीछे ज्यादातर जिम्मेदार है. 15 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा इसका शिकार होते हैं. उन्हीं में मृत्यु दर भी सबसे ज्यादा रहती है. हैरानी की बात ये है कि चांदीपुरा के इलाज के लिए आज तक कोई ऐंटी वायरस दवा नहीं बनी है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर इस मेकानिज्म में दवा या वैक्सीन इजाद की जाए तो चांदीपुरा वायरस फैलने से रोका जा सकता है. इसके सोर्स को कंट्रोल किया जा सकता है.
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एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर संदीप कुमार त्रिवेदी बताते हैं कि आमतौर पर सैंड फ्लाई तीन फिट से अधिक ऊंचाई पर नहीं होती है लेकिन इस बार निगरानी के दौरान ये देखा गया है कि छतों और अधिक ऊंचाई वाली जगहों पर पाई गई है. इसके अलावा चांदीपुरा के छह संदिग्ध मौतों में दो लोगों की ब्रेन हेमरेज की शिकायत भी सामने आई है. जैसे डॉक्टर नई स्तिथि बता रहे हैं. चांदीपुरा वायरस के लक्षण क्या हैं इस पर ही बात कर लेते हैं. डॉक्टर के मुताबिक इस वाइरस के लक्षण काफी ज्यादा कामर हैं, जैसे तेज़ बुखार आना, उल्टी दस्त होना, मिर्गी का दौरा पड़ना आदि है.