Dementia: आपने कभी सोचा है कि अचानक से आप सब कुछ भूल जाएं तो क्या होगा. अगर आपका दिमाग एकदम से ब्लैंक हो जाए तो आप क्या करेंगे. यकीनन ऐसा लोगों के साथ होता भी है. ऐसी ही एक बीमारी है जिसका नाम है डिमेंशिया (Dementia). डिमेंशिया एक गंभीर समस्या है. इसमें व्यक्ति सोचने समझने की क्षमता खो देता है. दुनियाभर में डिमेशिया (भूलने की बीमारी) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. एक नए शोध में वैज्ञानिकों ने दावा किया कि हर पांच में से एक व्यक्ति को डिमेशिया के लक्षण तब उभरे, जब उनके देखने की क्षमता में तेजी से गिरावट आई. आइए जानते हैं इसके बारे में.
71 वर्ष से ज्यादा वाले व्यक्ति चपेट में
शोधकर्ताओं के मुताबिक अधिक आयु वाले लोगों में तेजी से नजरें कमजोर होने को भूलने की बीमारी का संकेत माना जा सकता है. वैज्ञानिकों ने बताया कि 71 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले 20 फीसदी लोगों में पाया गया कि जैसे-जैसे उनकी आंखों की रोशनी तेजी से कम होती गई, मस्तिष्क में याद रखने की क्षमताएं भी धीरे-धीरे कम होने लगीं.
सुनने की क्षमता और डिमेंशिया में संबंध
अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि इससे पहले के शोध में पाया गया कि उम्रदराज लोगों में सुनने की क्षमता में कमी और डिमेंशिया की शुरुआत के बीच संबंध हो सकते हैं. लेकिन, आंखों की रोशनी कम होने से दिमाग पर असर पड़ना डिमेशिया का कारण हो सकता है. इस शोध के निष्कर्ष जामा ऑप्थैल्मोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुए हैं.
ऐसे किया गया अध्ययन
डिमेशिया पर नया अध्ययन अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वैज्ञानिकों ने किया. शोध में मिशिगन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने भी सहयोग किया. प्रतिभागियों को तस्वीर याद रखने में हुई दिक्कत अध्ययन के दौरान पता चला कि जिनकी दूर की नजरें खराब थीं, उनमें पांच फीसदी डिमेंशिया के संकेत मिले.
15 फीसदी लोगों में याददाश्त की परेशानी मिली
इसके अलावा निकट दृष्टि दोष वालों में 10 फीसदी और धुंधली दृष्टि दोष वाले 15 फीसदी लोगों में याददाश्त की परेशानी मिली. शोध के मुताबिक, 50 फीसदी लोग जिनकी आंखें ठीक थीं, वह अन्य बीमारियों के बाद भी यह बताने में सक्षम रहे कि प्रश्न क्या थे. शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर इन प्रतिभागियों की नजर कमजोर होने को गंभीरता से लिया जाता तो लगभग 20 फीसदी मामलों में डिमेशिया को रोका जा सकता था.
डिमेंशिया होने के ये भी हैं कारण
अल्जाइमर: अल्जाइमर से ग्रसित पेशेंट के मस्तिष्क में प्रोटीन जमा होने लगता है. एक समय के बाद मस्तिष्क सिकुड़ने लगता है, जिससे कोशिकाएं मरने लगती हैं. अल्जाइमर रोग ही डिमेंशिया का सबसे प्रमुख कारण है. जिसमें याददाश्त, सोच, व्यवहार और सामाजिक कौशल में कमी आने लगती है.
वैस्कुलर डिमेंशिया: दिमाग में ब्लड फ्लो में कमी के कारण वैस्कुलर डिमेंशिया होता है.
लुई बॉडी डिमेंशिया: ब्रेन में असामान्य रूप से प्रोटीन जमा होने होने के कारण जो डिमेंशिया होता है उसे लुई बॉडी डिमेंशिया करते हैं
फ्रंटो टेम्पोरल डिमेंशिया: यह मन के उस हिस्से को प्रभावित करता है, जो यादों और आवाजों को प्रोसेस करता है, देखने की क्षमता, आवाज निकालना, भाषा को समझने में मदद करता है. इसके अलावा फीलिंग को इफेक्ट करना जैसे- भूख, प्यास और लड़ाई को कंट्रोल करना.
ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी: दिमाग में कभी तेज चोट लग जाए तो दिल की वजह जैसी बीमारी हो सकती है.
मेडिकल कंडीशन: कई बीमारियां भी डिमेंशिया के कारण बन सकते हैं जैसे पार्किंसन डिजीज, हंटिंगटन डिजीज, एचआईवी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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