Diabetes-Blood Pressure Drugs: 12 बड़े सरकारी अस्पतालों के फार्माकोलॉजी विभागों ने जेनेरिक और ब्रांडेड दवाओं को लेकर एक अध्ययन करने के बाद चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. गरीब मरीजों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. एक तो डॉक्टर राष्ट्रीय सूची से बाहर की दवा लिख रहे हैं. वहीं उन्हें मधुमेह-रक्तचाप की दवाएं 22 गुना तक महंगी मिल रही हैं. ऐसे में गरीबों को उनके दाम देखकर जबरदस्त झटका लग रहा है. केंद्र सरकार ने लोगों को किफायती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) बनाई है. इन्हें सभी बड़े अस्पतालों में उपलब्ध कराया गया है. इनकी कीमतें भी अपेक्षाकृत कम होती हैं. सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवाएं भ उपलब्ध कराई गई हैं, लेकिन जागरुकता के अभाव में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर भी बड़ी संख्या में इस सूची से बाहर की दवाएं मरीजों पर्चे पर लिख रहे हैं.
किस बीमारी की दवा सालाना कितने रुपये की पड़ रही
अध्ययन में हुआ खुलासा
हाल में हुए एक अध्ययन में पता चला है मरीजों को चिकित्सकों की ओर से लिखी गईं मधुमेह, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की ब्रांडेड व आवश्यक दवाओं की सूची के बाहर की दवाएं जेनरिक तथा एनएलईएम वाली दवाओं से 22 गुना ज्यादा महंगी पड़ती हैं.
5 से 22 गुना तक अधिक महंगी
एम्स, सफदरजंग अस्पताल, पीजीआई चंडीगढ़ जैसे 12 बड़े अस्पताल के फार्माकोलॉजी विभागों ने जेनेरिक और ब्रांडेड दवाएं, सरकार की आवश्यक सूची की दवा और बाहरी दवाओं के सालाना खर्चे की तुलना की. इसमें पाया कि मरीजों को बाहरी और ब्रांडेड दवा आवश्यक सूची वाली दवाओं के मुकाबले 5 से 22 गुना तक अधिक महंगी मिल रही हैं.
4,736 मरीजों के पर्चे का अध्ययन
इसके लिए इन 12 अस्पतालों में आने वाले 4,736 मरीजों के पर्चे पर अध्ययन किया गया. इनके जरिए सालभर में मधुमेह, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की दवाओं पर होने वाला खर्च को निकाला गया. शोधकर्ताओं ने बताया कि अभी भी अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची वाली दवाएं नहीं लिखी जा रही हैं.
इस तरह जेब पर असर
शोधकर्ताओं ने बताया कि हल्के से मध्यम उच्च रक्तचाप वाले रोगियों के लिए ब्रांडेड दवा लोसार्टन और ओल्मेसार्टन की तुलना में जेनरिक टेल्मिसर्टन समान रूप से प्रभावकारी है. इसलिए बांडेड ओल्येसार्टन के बजाय जेनेरिक एनएलईएम दवा टेल्फिस्टन लिखने से मरीज पर खर्चा काम पड़ेगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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