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भारतीय महिलाएं सुहाग की निशानी के तौर पर माथे पर बिंदी लगाती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिंदी सुहाग की निशानी के अलावा सेहत के से भी जुड़ी हुई है. भारत की हर महिला भले ही रोजाना बिंदी न लगाती हो, लेकिन आपको उनके पास बिंदी का कम से कम एक पत्ता जरूर मिल जाएगा. जब महिलाएं खास मौकों के लिए तैयार होती है, तो बिंदी ही उनके लुक को पूरा करती है. हालांकि, फैशन की बात छोड़ दें तो भारतीय महिलाएं सदियों से बिंदी लगाती आ रही हैं. आमतौर पर इसे फैशन का हिस्सा माना जाता है, लेकिन बिंदी लगाने के पीछे कारण भी हैं. आइए आपको इसके फायदे बताते हैं.
सबसे शक्तिशाली चक्र
बिंदी को हमेशा से ही भौं के बीच में लगाया जाता है. जो कि सेहत के लिए काफी जरूरी है. ऐसा माना जाता है कि योगा में भी भौं के बीच की जगह को अजना चक्र कहते हैं. जो कि हमारे शरीर के लिए छठा और सबसे ताकतवर चक्र माना जाता है क्योंकि यहां से हमारे सिर, आंखें, दिमाग, पीनल ग्लैंड और पिट्यूटरी ग्लैंड जुड़े रहते हैं.
इस तरह होता है चक्र एक्टिव
योगा में कई आसन ऐसे होते हैं जिसमें हम अपने सिर को जमीन पर लगाते हैं. जिससे की ये चक्र एक्टिव हो जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि ये चक्र ज्ञान का केंद्र भी है. जिसकी वजह से बिंदी को इसी जगह पर लगाया जाता है. जिससे की ये चक्र चालू हो जाएं.
एक्यूप्रेशर का काम
अक्सर आपने देखा होगा कि जब भी महिलाएं बिंदी लगाती हैं तो वह अपने माथे पर बिंदी को तेज से दबाती है जो कि एक्यूप्रेशर का काम करती है. इसको दबाने से सिर दर्द भी कम होता है और इसे रोजाना दबाने से आपकी सेहत ठीक रहती है.
डिप्रेशन में मिलता है आराम
ऐसा माना जाता है कि माथे पर रोज बिंदी लगाने से आंखों की रोशनी तेज होती है क्योंकि भौं के बीच की जो जगह होती है. वहां से सुप्राटोक्लियर नसें गुजरती हैं जो कि आंखों की सारी नसों से जुड़ी हुई होती है. इस नस पर दबाव पड़ने से आंखें मजबूत होती है और इनको रोजाना दबाने से चेहरे की मांसपेशियां भी हेल्दी रहती है. जिससे की चेहरे पर झुर्रियां नहीं होती है और डिप्रेशन के लिए भी यह मददगार होता है.
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.