Monkey Pox : कोरोना के बाद दुनिया पर अब एम पॉक्स यानी कि मंकी पॉक्स का खतरा मंडराने लगा है. यह इतना खतरनाक है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने इसे खतरनाक बीमारियों की लिस्ट में शामिल किया है. यह वायरस कई देशों में फैल चुका है. मंकी पॉक्स खासतौर पर 15 साल से कम उम्र के बच्चों और युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है. दूसरे देशों में मंकी पॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत भी अलर्ट मोड़ पर है. इस वायरस के खतरे को देखते हुए भारत में एहतियात के तौर पर कई कदम उठाने का फैसला लिया गया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि भारत में मंकी पॉक्स का कितना खतरा है और मंकी पॉक्स इतना खतरनाक क्यों है? इसके क्या लक्षण है और बचाव के क्या तरीके हैं?
17 अफ्रीकी देशों और महाद्वीप के बाहर के कई देशों में फैल चुकी यह बीमारी
भारत में मंकी पॉक्स का कितना खतरा है उससे पहले आपको बता दें कि वायरस आखिर है क्या. दरअसल मंकी पॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो मवाद से भरे घाव और फ्लू जैसे लक्षणों का कारण बनता है. इस बार मंकी पॉक्स का जो वायरस फैल रहा है वह कांगो में पाया जाता है और यह ज्यादा खतरनाक है. इसकी मृत्यु दर 3 प्रतिशत है जो मंकी पॉक्स के दूसरे प्रकार से काफी ज्यादा है. यह बीमारी 17 अफ्रीकी देशों और महाद्वीप के बाहर के कई देशों में फैल चुकी है. भारत की बात करें तो 2022 से अब तक भारत में मंकी पॉक्स के कुल 30 मामले सामने आए हैं. आखिरी मामला मार्च 2024 में सामने आया था. भारत में मंकी पॉक्स का पहला मामला जुलाई 2022 में सामने आया था.डबल्यूएचओ के मुताबिक 2022 से अब तक दुनिया भर के 116 देशों में मंकी पॉक्स के 9916 मामले सामने आ चुके हैं और 208 लोगों की मौत हो चुकी है.
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भारत में मंकी पॉक्स के मामले दर्ज
एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि भारत में मंकी पॉक्स के मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन अभी भी बड़े प्रकोप की संभावना कम है. क्योंकि मंकी पॉक्स आसानी से नहीं फैलता और इसके फैलाव के लिए निकट निरंतर संपर्क की आवश्यकता होती है. डबल्यूएचो के अनुसार मंकी पॉक्स फैलने के मामले कोरोना की तरह ही हैं, जो किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. इसमें यौन संबंध और संक्रमित शख्स से करीब से बात करना, संक्रमित शख्स की इस्तेमाल की गई चीजों को छूना जैसे बर्तन बिस्तर आदि से फैल सकता है. यह वायरस शरीर में आंख सांस नाक या मुंह से भी एंट्री कर सकता है. मंकी पॉक्स के सामान्य लक्षणों में दाने शामिल हैं. जो दो से चार हफ्ते तक रह सकते हैं.
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क्या है इस खतरनाक बीमारी के लक्षण और बचाव
इस वायरस की चपेट में आने के बाद शुरुआती लक्षण बुखार है. इसके बाद सिर दर्द सूजन पीठ दर्द और मांस पेशियों में दर्द जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं. इसके अलावा बुखार उतरने के बाद शरीर पर चकते आ जाते हैं, जिनमें अधिक खुजली या दर्द हो सकता है. यह संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिनों के बाद अपने आप ठीक हो जाता है. वहीं गंभीर मामलों में घाव पूरे शरीर पर और मुंह, आंखों और गुप्तांगों पर होते हैं. मंकी पॉक्स से बचाव के लिए साफ सफाई का ज्यादा ध्यान रखें और संक्रमित व्यक्तियों या जानवरों के सीधे संपर्क में आने से बचें. साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं और जरूरत पड़ने पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.