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Alert: कोरोना के बाद अब इस खतरनाक वायरस का सामना करेगी दुनिया, भारत में भी मिला केस!

यह खरतनाक वायरस तेजी से फैल रहा है और टैटू शॉप पार्लर या पब्लिक प्लेस पर कॉमन इस्तेमाल की जाने वाली चीजों से भी फैल सकता है. नॉर्मली एनिमल से फैलता है.

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Mohit Sharma
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Monkeypox Epidemic

Monkeypox Epidemic: आज हम आपके साथ एक ऐसी बीमारी की चर्चा करने जा रहे हैं, जिसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी जारी कर दी है. अफ्रीकी देश में होने वाली इस बीमारी ने अब भारत के करीब भी दस्तक दे दी है. आपको बताएं कि एम पॉक्स यानी मंकी पॉक्स के मामले पाकिस्तान और स्वीडन में देखने को मिल रहे हैं. इस बीमारी के क्या लक्षण हैं और इलाज क्या आज हमारी यह स्पेशल रिपोर्ट में पूरी जानकारी देंगे. 

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पूरी दुनिया में एक और वायरस का खतरा

दरअसल,  कोविड-19 वायरस के खतरे से जूझने के बाद अब एक बार फिर दुनिया में एक और वायरस ने मुश्किल खड़ी कर दी है.  कोरोना वायरस की तरह इसका वायरस भी म्यूटेड हो रहा है और कहर बरपा रहा है. इस वायरस का नाम है मंकी पॉक्स या एम पॉक्स, जिसको लेकर डब्ल्यूएचओ ने ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है. डब्ल्यूएचओ ने इसको इमरजेंसी कैटेगरी में डाला है, जिसका मतलब है कि इस पर फौरन ध्यान देने की जरूरत है. जनवरी 2023 से अब तक एम पॉक्स के 27000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और लगभग 1100 मौत दर्ज की गई हैं. एम पॉक्स वायरस के केस अभी तक अफ्रीका में ही मिले थे, लेकिन अब इसका प्रकोप एशिया और यूरोप में भी दिखने लगा है. स्वीडन की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक अफ्रीकी प्रायद्वीप के बाहर एमॉक्स वायरस का पहला मामला स्टॉक होम में दर्ज किया गया है.

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले एम पॉक्स केस की पुष्टि

पाकिस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले एम पॉक्स केस की पुष्टि की है. एम पॉक्स एक वायरल बीमारी है जो मंकी पॉक्स वायरस के कारण होती है. यह वायरस ऑर्थो पॉक्स वायरस जीनस की एक प्रजाति है. एम पॉक्स को पहले मंकी पॉक्स के नाम से जाना जाता था. एम पॉक्स से संक्रमित लोगों को अक्सर शरीर पर दाने हो जाते हैं, जो हाथ पैर छाती या चेहरे के आसपास हो सकते हैं. इसके दूसरे लक्षणों में बुखार सिर दर्द और मांसपेशियों में दर्द भी शामिल हैं. इस वायरस सेदुर्लभ मामलों में यह वायरस में मौत भी हो सकती है. इसके असर से बॉडी में तो निमोनिया सेप्टिक या बच्चे के दिमाग में चढ़ जाना, जिसको हम दिमागी बुखार कहते हैं, जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं. इस बीमारी का 20 दिन का पीरियड होता है, जिसमें हमारी सेल्फ लिमिटिंग होती है और प्रेगनेंट लेडीज में अगर यह हो जाए तो उसका जरा खतरा बढ़ जाता है.

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अब समझिए कि एम पॉक्स कैसे लोगों को संक्रमित करता है

एम पोक्स वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने से फैलता है. जानकारों के मुताबिक एम पॉक्स वायरस का संक्रमण संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आने से भी हो सकता है. जैसे टैटू शॉप पार्लर या पब्लिक प्लेस पर कॉमन इस्तेमाल की जाने वाली चीजों से भी फैल सकता है. नॉर्मली एनिमल से फैलता है.

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