पाकिस्तान में हर नौ महिलाओं में से एक स्तन कैंसर से पीड़ित है, और इस बीमारी से मौत की दर दुनिया के किसी भी अन्य हिस्से के मुकाबले पाकिस्तान में सबसे अधिक मौतें होती हैं. इन मौतों के पीछे प्रमुख कारण हैं इस बीमारी के प्रति जागरूकता, जांच और इलाज के लिए सुविधाओं की भारी कमी. यह खुलासा पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में फेडरल ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग की प्रभारी आयशा इसानी मजीद ने किया है.
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अलामा इकबाल ऑपन यूनिवर्सिटी (एआईओयू) द्वारा आयोजित एक सेमिनार में अपना वक्तव्य देने के दौरान उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने पर जोर देते हुए इसका खुलासा किया.
आयशा ने कहा कि स्तन कैंसर की प्रमुख वजहों में मोटापा, शराब पीना, कसरत न करना, देर से गर्भधारण करना, मां न बनना, हार्मोन में बदलाव, आयनित रेडिएशन जैसी कई वजहें शामिल हैं.
उन्होंने कहा, 'शुरुआत में ही इसकी जानकारी मिलने और इसका सही इलाज मिलने पर जिंदगी बच सकती है. हर महिला को खुद ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए. साथ ही समय रहते बीमारी का पता चलने पर मरीज के ठीक होने के 90- 95 प्रतिशत संभावना होती है.'
वहीं डिपार्टमेंट ऑफ इन्वायरोमेंटल डिजाइन हेल्थ एंड न्यूट्रीशनल साइंसेज की चेयरपर्सन डॉ. हाजरा अहमद ने स्तन कैंसर संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डालते हुए इसे लेकर जागरूकता फैलाने की बात कही. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO)के एक आंकड़े के अनुसार, अनुमानत: 627,000 महिलाओं की मौत स्तन कैंसर से होती है.
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ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के कारण
गलत लाइफस्टाइल और खानपान के कारण महिलाएं तेजी से ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) की चपेट में आ रही है. ब्रा में सेलफोन रखने, शराब या धूम्रपान, गलत एंटीपर्सपिरेंट, बर्थ कंट्रोल पिल्स, हार्मोनल बदलाव और आयोडीन की कमी के कारण हो सकती हैं. इसके अलावा बढ़ा हुआ वजन, बढ़ती उम्र, ज्यादा उम्र में पहले बच्चे का जन्म से भी ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा आनुवंशिकता के कारण भी यह बीमारी होती है. इन सबके अलावा कुछ और भी कारण हैं जैसे..
12 साल की उम्र से पहले ही पीरियड्स आना, हार्मोन एस्ट्रोजन का ज्यादा स्राव. 30 साल की उम्र के बाद प्रैग्नेंट होना और बर्थ कंट्रोल पिल्स का अधिक सेवन करना. 55 की उम्र के बाद पीरियड्स बंद होना और बॉडी में जनेटिक बदलाव के कारण. मोनोपॉज के बाद हार्मोन रिप्लेसमेंट कराने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा 20 गुणा ज्यादा होता है.
इन लक्षणों को समय रहते पहचान लें
- ब्रेस्ट में गांठ महसूस होना
- निपल से चिपचिपा पदार्थ निकलना
- निपल के साइज में असामान्य बदलाव
- लालगी दिखाई देना
- लगातार दर्द रहना
करें ये उपाय
- इस बीमारी से बचने के लिए शराब और अल्कोहल से दूरी बनाएं.
- इसके अलावा मसालेदार भोजन, जंक फूड्स और प्रोसेस्ड फूड्स खाने से भी बचें.
- दिनचर्या में योग या एक्सरसाइज को जरूर शामिल करें.
- हर रोज कम से कम आधा घंटा पैदल जरूर चलें और हफ्ते में 3 घंटे दौड़ लगाएं.
- मोटापे को कंट्रोल करें.
कैसे होता है स्तन कैंसर
डॉ. राजेश चितलांगिया के मुताबिक स्तन कैंसर (Breast Cancer) के बारे में जानने के लिए शरीर रचना के बारे में जानना बहुत जरूरी है. स्तन का मुख्य कार्य अपने दुग्ध उत्पादक ऊतकों (टिश्यू) के माध्यम से दूध (Breast Milk) बनाना है. ये टिश्यू (Breast tissues) सूक्ष्म वाहिनियों के जरिये निप्पल से जुड़े होते हैं. इसके अलावा इनके चारों ओर कुछ अन्य टिश्यू, रक्त वाहिकाएं, फाइब्रस मैटेरियल, फैट, नाड़ियां और कुछ लिंफेटिक चैनल होते हैं, जो स्तन की संरचना को पूरा करते हैं. ज्यादातर स्तन कैंसर डक्ट में छोटे कैल्शिफिकेशन (सख्त कण) के जमने से या स्तन के टिश्यू में छोटी गांठ (Lump in Breast) के रूप में बनते हैं और फिर बढ़कर कैंसर में ढलने लगते हैं. इसका प्रसार लिंफोटिक चैनल या रक्त प्रवाह के जरिये अन्य अंगों की ओर हो सकता है.
(इनपुट आईएनएस से )