आज कल सही खान-पान और सही दिन चर्या के न चलते हार्ट से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे ही दिल्ली के एक अस्पताल में डॉक्टरों ने एक घंटे तक सीपीआर देकर 28 साल के युवक की जान बचाई. युवक की उम्र कोई इतनी ज्यादा नहीं थी लेकिन कम उम्र में हार्ट अटैक आना आज कल मानो आम हो गया हो. लेकिन ऐसा सही नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मामला है 10 दिसंबर का, जब पालम से मरीज अजीत भट्टी को सुबह से ही अपच की शिकायत होने पर आकाश हेल्थकेयर, द्वारका लाया गया था.
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जब वह अस्पताल आया तो उनकी नब्ज सामान्य थी, लेकिन एक बार जब वह बेड पर लेटे, तो उनके दिल ने काम करना बंद कर दिया. 15 मिनट के बाद सीपीआर देकर बचाया गया. लेकिन कुछ ही मिनटों में वह फिर बेहोश हो गया. डॉक्टरों ने उन्हें सीपीआर और बिजली के झटके देना जारी रखा. अस्पताल के ट्रॉमा केयर और इमरजेंसी के विशेषज्ञ डॉ. शारंग सचदेव ने बताया कि मरीज के बेहोश होते ही हमने सीपीआर देना शुरू कर दिया था. मरीज की उम्र 30 साल से भी कम थी इसलिए किसी को पता नही चला कि उसे दिल का दौरा पड़ा है.
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रिपोर्ट्स की माने तो मरीज़ कोखुद नहीं पता था की उसे दिल का दौरा कब पड़ा. वह हमेशा तनाव से पीड़ित रहता था. वह चैन स्मोकर भी था. होश में आने के बाद मरीज ने ब्लॉक हुई आर्टरी को चौड़ा करने के लिए एंजियोप्लास्टी करवाई. आमतौर पर यह दिक्क्त 50 साल या उसके बाद देखि जाती थी लेकिन आज कल 25 साल से ये दिक्कत लोगों में देखि जा रही है. आमतौर पर 50 वर्ष से ज्यादा आयु के लोगों में देखने को मिलता है. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में हार्ट की बीमारी से पीड़ित युवा मरीजों में वृद्धि हुई है. इसका कारण धूम्रपान करना, ज्यादा तनाव में रहना , शराब का सेवन करना और बिगड़ी हुई दिन चर्या से ऐसा होता है. जब इंसान का दिल और दिमाग स्वस्थ नहीं रहता तो उसकी ब्लड फ्लो भी अच्छे से काम करना बंद कर देती है. जिसकी वजह से लोगों को दिल का दौरा , अस्थमा जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है.