आज की डिजिटल दुनिया (Digital World) में बच्चों के पास स्मार्टफोन होना एक आम बात हो गई है. इस डिजिटल के समय में फोन होना ठीक भी है क्योंकि पढ़ाई-लिखाई के लिए इंटरनेट (Internet) अब जरूरत बन चुका है. किसी भी देश के लिए बच्चे ही उस देश का भविष्य होते है और जिस देश की युवा पीढ़ी समझदार और स्वस्थ होती है उस देश का विकास भविष्य में निश्चित है बच्चों में भले ही सोशल नेटवर्किंग (social networking) का क्रेज आजकल अधिक दिखता हो लेकिन बच्चों को इंटरनेट की लगती लत उनके बचपन और जिंदगी पर खतरा बनती जा रही है. ऐसे में उन्हें हैंडल करना मुश्किल होता जा रहा है. लेकिन आज हम आपको बता रहे है कुछ ऐसे तरीके जिससे आप बच्चों को सोशल मीडिया और मोबाइल फोन से दूर रख सकते हैं.
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बच्चों से न करें झूठे वादे
बच्चों को कभी भी झूठे वादे नहीं करने चाहिए अक्सर देखा जाता है की माता पिता अपने बच्चों से कहते है की तुम जल्दी से अपनी Homework और पढाई पूरी कर लो तब Smartphone चलाने के लिए मिल सकता है
तो ऐसी स्थिति में बच्चों का सारा ध्यान Smartphone पर केन्द्रित हो जाता है जिससे बच्चे जल्दी से तो अपनी पढ़ाई पूरी कर तो लेते है लेकिन बच्चों को फिर बाद में Smartphone न मिले तो बच्चो में माता पिता के प्रति नकरात्मक भावना का विकास होने लगता है इसलिए माता पिता को अपने बच्चों से ऐसे वादे करने से बचना चाहिए.
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रात में न दें Smartphone
हम सब जानते हैं कि दिन के मुकाबले रात में Smartphone से निकलने वाली प्रकाश की किरणें आखों पर सीधा असर डालती है, इसलिए बच्चों को रात के अंधेरे में मोबाइल चलाने से दूर ही रखना चाहिए. रात के समय बच्चों को मोबाइल नहीं देना चाहिए.
बच्चों के लिए लाएं puzzle games
जब बच्चे Smartphone से जुड़ जाते है तो इन फोन के बिना उन्हें कुछ भी अच्छा नही लगता है आप अपने बच्चों के लिए पजल गेम ला सकते हैं और उनके साथ समय निकाल कर खेंले. क्योंकि मारने डाटने के बजाय उन्हें थोडा खेलकूद और अन्य कामो में लगाना अच्छा है, इससे बच्चों का ध्यान मोबाइल से दूर रहता है.
बच्चे दिल कोमल होते हैं और उनपर किसी भी प्रकार की डाट फटकार उन्हें तोड देती है जरुरी नहीं की आपका बच्चा हमेशा पढ़ता ही रहे तो बच्चों को Smartphone से दूर करने के लिए उनके पढाई में साथ देना चाहिए.
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पेरेंटल कंट्रोल एप्लीकेशन
एक ऐप आप अपने मोबाइल में डाल सकते हैं इसका नाम पेरेंटल कंट्रोल एप्लीकेशन है, जिसे मोबाइल में डालकर कुछ खास गेम्स या एप्स को लॉक किया जा सकता है, जो आपको लगता है कि आपके बच्चे के लिए ठीक नहीं है. अपने बच्चों से इंटरनेट के उपयोग पर जरूर बात करें. उन्हें ऐप्स का सही यूज सिखाए, बताएं कि वर्चुअल स्पेस में ज्यादा समय बिताना कैसे उन्हें वास्तविक दुनिया से अलग कर सकता है.
क्या है सोशल मीडिया (Social Media) बताएं
आपका बच्चा अगर सोशल मीडिया पर एक्टिव है तो उन्हें बताएं कि किस तरह से फोटो या पोस्ट पर गलत किस्म के लोग ट्रैप या ट्रोल कर सकते हैं. सोशल मीडिया पर हमेशा अपनी पूरी जानकारी न दें. अपनी पर्सनल फोटो आदि को अपलोड न करें. अकसर बच्चे अपनी गलत जानकारी देकर इन अकाउंट्स को खोल लेते हैं. बच्चे फेक अकाउंट बना रहे हैं तो उनको रोंके. सोशल नेटवर्किंग साइट्स नए लोगों से मिलने और जुड़ने का माध्यम है, इसे जिंदगी का हिस्सा न बनायें.
Source : Akanksha Tiwari