महिलाएं अपने आपको रोज़मर्रा के कामों में इतना उलझा लेती हैं कि वह अपनी सेहत के प्रति लापरवाह हो जाती हैं. आमतौर पर ज़्यादातर महिलाएं यह सोचती हैं कि जब उन्हें कोई तकलीफ ही नहीं है तो डॉक्टर के पास क्यों जाना. लेकिन यह सोच आगे चलकर कई गंभीर बीमारियों की वजह बन सकती है क्योंकि आपको नहीं पता होता कि बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और खाने पीने की गलत आदतों के कारण आपका शरीर किस तरह की बीमारी का शिकार हो जाए. आज हम आपको महिलाओं में होनी वाली ऐसी ही बीमारियों के बारे में बताएंगे जिनके सिम्टम न तो आसानी से नजर आते हैं और न ही उस बीमारी के शरीर में पनपने का एहसास होता है. साथ ही इस बात की भी जानकारी देंगे कि इन बीमारियों से बचने के लिए महिलाओं को क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए.
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1. एनीमिया
आंकड़ों की मानें तो अपने देश में अधिकतर मामले खून की कमी के आते हैं. स्त्रियों में खून की कमी यानी एनीमिया होना आम होता जा रहा है. ऐसे में थकान महसूस करना, कमजोरी आना, आंखों के नीचे काले घेरे होना, नाखूनों का सफेद होना आदि यह लक्षण शरीर में दिखने लगते हैं. इसके लिए डॉक्टर सीबीसी यानी कंपलीट ब्लड काउंट टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं.
2. हाइपरटेंशन
हाइपरटेंशन यानी कि हाई ब्लड प्रेशर. यह प्रॉब्लम भी आम होती जा रही है. तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण महिलाएं इसकी ज्यादा शिकार होती हैं. जब वे मेनोपॉज़ की कंडीशन में पहुंच जाती हैं तो इसकी आशंका दोगुनी हो जाती है. अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर यानी बीपी की समस्या महसूस हो तो अपना रेगुलर चेकअप करवाएं.
3. डायबिटीज़
डायबिटीज़ इन दिनों एक बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम के तौर पर उभर कर सामने आई है. हर 10 में 8 लोग डायबिटीज़ की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में अगर आपका वज़न ज़्यादा है या आपको हाई बीपी की समस्या है तो सतर्क हो जाएं. इसके अलावा अगर आपके परिवार में किसी को शुगर की समस्या है तो आपको विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी. ऐसी स्थिति में 30 वर्ष की आयु के बाद साल में एक बार डायबिटीज़ का चेकअप जरूर कराएं.
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4. हाई कोलेस्ट्रॉल
जब खून में बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल बढ़ने लगते हैं तो यह आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे में एक साल में एक बार कोलेस्ट्रोल की जांच ज़रूर करवाएं. इसके अलावा 30 वर्ष की उम्र के बाद ड्राई फ्रूट्स, तली-भुनी चीजें, मांसाहार आदि का सेवन सीमित मात्रा में करें.
5. ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख लक्षणों में ब्रैस्ट अंडर आर्म्स में कोई नॉट, ब्रेस्ट की त्वचा की रंगत में बदलाव होना, निपल्स से किसी तरह का डिस्चार्ज होना, ब्रेस्ट में दर्द होना, खुजली होना आदि आते हैं. इसके लिए डॉक्टर महिलाओं को हर महीने सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन की सलाह देते हैं. साथ ही, लेडीज को एमआरआई या मैमोग्राफी समय-समय पर करवा लेनी चाहिए.
आजकल के दौर में बीमारियों के बढ़ते हुए खतरे को देख कर एक्सपर्ट ये सलाह देते हैं कि 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं को साल में दो बार हेल्थ चेकअप तो ज़रूर ही करवाना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- महिलाओं में सबसे ज्यादा होता है एनीमिया का खतरा
- ब्रैस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी महिलाओं के लिए एक बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम