Digestion Yoga: 5 ऐसे योगासन जिससे आप पेट को हेल्दी और डाइजेशन सही रहेगा

Digestion Yoga: योग के आसनों में जांच की गई कुचाली, पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन, बालासन, और उत्तानपादासन इत्यादि पेट के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं.

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Vikash Gupta
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Digestion Yoga

Digestion Yoga( Photo Credit : NEWS NATION)

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Digestion Yoga: योग पेट के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है. योग के विभिन्न आसनों और प्राणायामों का नियमित अभ्यास करने से पेट का स्वास्थ्य सुधारता है और कई पेट संबंधित समस्याओं को दूर किया जा सकता है. पेट के स्वास्थ्य के लिए योग का अभ्यास करने से पाचन सिस्टम को सही रूप से काम करने में मदद मिलती है. योगासनों और प्राणायामों में पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने से अनियमित गैस, कब्ज, और पेट दर्द में कमी होती है.

योग के आसनों में जांच की गई कुचाली, पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन, बालासन, और उत्तानपादासन इत्यादि पेट के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं. इन आसनों को नियमित रूप से करने से पेट में जमी बीमारियों से छुटकारा मिलता है और पेट की चर्बी को कम करने में मदद मिलती है. साथ ही, प्राणायामों का अभ्यास करने से पेट के रक्त संचार को बढ़ावा मिलता है जिससे पाचन शक्ति में वृद्धि होती है. अल्लाउप्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम, और कपालभाति प्राणायाम पेट के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं. अतः, योग का नियमित अभ्यास करके पेट का स्वास्थ्य सुधारा जा सकता है और पेट संबंधित समस्याओं से निजात पाया जा सकता है.

योग के जरिए पेट को हेल्दी और डाइजेशन को सही रखें

पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose): इस आसन में पेट को प्रेस किया जाता है, जिससे पेट के अनियमित गैसों को निकालने में मदद मिलती है और पाचन को सुधारता है. यह आसन पेट की गैस और अपच को दूर करने में मदद करता है. इसे करने के लिए, पीठ के बल लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़ें. अपनी जांघों को अपनी छाती की ओर लाएं और अपनी बाहों को अपने घुटनों के चारों ओर लपेटें. कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं.

पद्मासन (Lotus Pose): यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पाचन को बेहतर बनाता है. पद्मासन एक प्रसिद्ध योग आसन है जो ध्यान और आत्म-संयम को बढ़ावा देता है. इस आसन में प्रत्येक पैर को प्रभुत्व से पेट के ऊपर रखा जाता है और हाथों को घुटनों पर स्थित किया जाता है. यह आसन ध्यान और प्राणायाम के लिए आधारभूत माना जाता है और मन की शांति और स्थिरता को बढ़ावा देता है.

पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend): इस आसन को करने से पेट की अच्छी मास्टिकेशन होती है और पाचन को सही करता है. यह आसन पेट की मांसपेशियों को खींचने और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है. इसे करने के लिए, पैरों को सीधा करके बैठ जाएं. धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और अपने पैर की उंगलियों को छूने की कोशिश करें. अपनी रीढ़ को सीधा रखें और अपनी सांस को धीमा और गहरा रखें.कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं.

उत्तानपादासन (Raised Legs Pose): यह आसन पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है और पाचन को बेहतर बनाता है. उत्तानपादासन योगासन का एक प्रकार है जिसमें पैरों को ऊपर की ओर उठाकर किया जाता है. इस आसन को करने से पेट की चर्बी को कम करने में मदद मिलती है और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक होता है.

बालासन (Child's Pose): यह आसन पेट को आराम देता है, शांति प्रदान करता है और पाचन को सुधारता है. बालासन योगासन का एक प्रकार है जो ध्यान और आराम के लिए लोकप्रिय है. इस आसन में व्यक्ति को अपने पेट के ऊपर बैठ कर अपने पैरों को पीछे घुमाना होता है, और हाथों को सामान्यत: पैरों के समीप रखा जाता है. यह आसन ध्यान, शांति, और पारंपरिक भारतीय योग के हिस्से के रूप में माना जाता है.

योग के इन आसनों को नियमित रूप से करके पेट को हेल्दी और अच्छी डाइजेशन को बनाए रखा जा सकता है.

Source : News Nation Bureau

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