कोरोना वायरस (Coronavirus) से देश की लड़ाई जारी है. इस खतरनाक वायरस की दूसरी लहर ने देश में खूब तांडव मचाया, दूसरी लहर के दौरान देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं की काफी कमी देखने को मिली. अस्पतालों में लोगों को बेड्स, दवाइयां और ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखने को मिली. हालांकि अब दूसरी लहर की रफ्तार काफी कमजोर पड़ चुकी हैं, लेकिन तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है. महामारी की तीसरी लहर (Corona 3rd Wave) की आशंका के बीच केंद्र सरकार (Modi Government) ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. केंद्र सरकार अगले 2-3 महीनों में देशभर में 50 इनोवेटिव मॉड्यूलर अस्पताल (Innovative Modular Hospitals) स्थापित की योजना बना रहा है.
ये भी पढ़ें- कोरोना: भारत में 72 दिन बाद नए केस सबसे कम, मौतों का आंकड़ा फिर बढ़ा
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक रिपोर्ट के अनुसार इन मॉड्यूलर अस्पतालों को मौजूदा अस्पतालों के बगल में बुनियादी ढांचे के विस्तार के रूप में तैयार किया जाएगा, ताकि मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्टर ( Operational Infrastructure) पर लोड को कम किया जा सके. रिपोर्ट के मुताबिक आईसीयू के साथ 100-बेड के साथ ऐसे 50 मॉड्यूलर अस्पताल तैयार किए जाएंगे. तीन हफ्ते में बनने वाले इन अस्पतालों को बनाने में 3 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी. 6-7 सप्ताह में ये पूरी तरह से चालू हो जाएंगे.
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने कहा कि ऐसे अस्पतालों से देश के ग्रामीण और छोटे शहरों में अस्पतालों की कमी को दूर करने के साथ ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी मदद मिलेगी. देश के विभिन्न हिस्सों में इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए धन की व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही निजी क्षेत्र की कंपनियों, संगठनों और व्यक्तियों को राष्ट्रीय महत्व की विभिन्न परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए आमंत्रित किया गया है.
प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन के कार्यालय द्वारा शुरू की गई परियोजना को शुरू में सरकारी और परोपकारी अस्पतालों में लागू किया जाएगा. इन तेजी से तैनात किए जा सकने वाले अस्पतालों का उद्देश्य कोविड के खिलाफ भारत की लड़ाई में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की एक बड़ी कमी को दूर करना है. विजय राघवन के कार्यालय ने बताया कि राज्यों के करीब 50 अस्पतालों की जरूरतों की पहचान की है, जहां सबसे ज्यादा कोविड-19 मामले सामने आए थे और यहां आगे मॉड्यूलर अस्पताल बनाए जा सकते हैं.
ये भी पढ़ें- यमुना एक्सप्रेस-वे पर कल से लागू होगी ये नई व्यवस्था, बिना इसके नहीं कर पाएंगे सफर
पहले बैच में 100 बेड का माड्यूलर अस्पताल छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में, महाराष्ट्र के अमरावती, पुणे और जालना में और पंजाब के मोहाली में निर्मित किए जाएंगे. पहले चरण में बेंगलुरु में भी 20, 50 और 100 बेड के अस्पताल तैयार किए जाएंगे. ये अस्पताल लगभग 25 साल तक चल सकते हैं. सबसे खास बात ये होगी कि इन्हें एक सप्ताह से भी कम समय में नष्ट किया जा सकता है और कहीं भी ले जाया जा सकता है. इसके डिजाइन को तैयार करने के लिए आईआईटी मद्रास की मदद ली जाएगी. कंपनी ने अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन की मदद से मेडिकैब एक्सटेंशन अस्पतालों की तैनाती शुरू कर दी है.
HIGHLIGHTS
- कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू
- देश में 50 मॉड्यूलर अस्पताल स्थापित किए जाएंगे
- ये अस्पताल लगभग 25 साल तक चल सकते हैं