कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है. वैक्सीन के कारण ना सिर्फ लोग कोरोना वायरस से बच रहे हैं बल्कि इससे मौत की संभावना भी काफी कम है. एम्स झज्जर की एक स्टडी में सामने आया है कि कोरोना के कारण जिन लोगों की मौत हुई उनमें 76 फीसद ने वैक्सीन नहीं ली थी. वहीं वैक्सीन लेने के बाद मौत की संभावना एक फीसद से भी कम रही. एम्स ने 1818 लोगों पर एक स्टडी की थी जिसकी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. हालांकि रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि वैक्सीन की सिंगल डोज लेने से कोई खास प्रोटेक्शन नहीं मिलता है.
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एम्स झज्जर ने जिन 1818 लोगों पर यह स्टडी की उनमें 1314 मरीजों ने वैक्सीन नहीं ली थी. इलाज के दौरान 294 लोगों (76 फीसद) की मौत हो गई. दूसरी तरफ वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद सिर्फ एक मरीज (0.03 फीसद) की ही मौत हुई. अस्पताल में भर्ती हुए 215 मरीज ऐसे थे, जिन्हें वैक्सीन की पहली डोज लिए दो हफ्ते से कम समय में ही कोरोना हो गया. ऐसे 11.8 पर्सेंट मरीज थे। इसमें से 42 (10.9 पर्सेंट) की मौत हो गई.
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रिपोर्ट में सामने आया कि पहली डोज लेने के दो हफ्ते बाद 258 मरीज भर्ती हुए, यानी एक डोज लेने के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या 14.2 पर्सेंट थी. इसमें से 48 (12.5 पर्सेंट) की मौत हो गई. वहीं, जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ले रखी थीं, ऐसे 31 लोग संक्रमित होने की वजह से एडमिट हुए थे. यानी सिर्फ 1.7 पर्सेंट को ही एडमिशन की जरूरत हुई और सिर्फ एक मरीज यानी 0.03 पर्सेंट की ही मौत हुई. रिपोर्ट में शामिल एक डॉक्टर ने कहा कि वैक्सीन लेने से मौत का खतरा काफी कम हो जाता है. लोगों को यह समझना चाहिए कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन ही सबसे कारगर हथियार है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन के दोनों डोज देने के बाद ही पूरी तरह से सुरक्षा मिलती है.
HIGHLIGHTS
- एम्स झज्जर में हुई एक स्टडी में हुआ कई खुलासा
- बिना वैक्सीनेशन 76 पर्सेंट लोगों की गई जान
- वैक्सीन लगने के बाद सिर्फ 0.3 पर्सेंट की मौत
Source : News Nation Bureau