वीडियो कॉल आपके अकेलेपन को दूर करने में सहायक होती है। मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 90 प्रतिशत उत्तरदाताओं को लगता है कि वीडियो कॉल ने उन्हें महामारी के बीच अकेलेपन से निपटने में मदद की है. क्वालट्रिक्स रिसर्च के सहयोग से वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म जूम द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि 50 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए वीडियो कॉल का उपयोग किया है. उनमें से आधे से अधिक (52 प्रतिशत) ने आभासी (वर्चुअल) और शारीरिक (फिजिकल) बैठकों के बीच एक विकल्प होने की सराहना की, क्योंकि उन्हें लगता है कि हाइब्रिड कार्यस्थल समय की बचत करेंगे और सुविधा प्रदान करेंगे. रिपोर्ट में पाया गया है कि सबसे आम उपयोग शिक्षा (72 प्रतिशत), उत्सव/सामाजिक समारोह (62 प्रतिशत), इवेंट्स (59 प्रतिशत), मनोरंजन (58 प्रतिशत) हो रहा है.
इंडिया जूम के महाप्रबंधक और प्रमुख समीर राजे ने एक बयान में कहा, भारत ने वीडियो कॉल प्लेटफार्मों को तेजी से समायोजित करने के साथ अपनाया भी है. यह सिर्फ तकनीक में बदलाव नहीं है, बल्कि व्यवहारिक मानसिकता में भी बदलाव है. राजे ने कहा, जैसे कि हम एक हाइब्रिड दुनिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जूम उन संगठनों के समाधान के लिए तैयार है, जो शारीरिक सुरक्षा और अपने हाइब्रिड कर्मचारियों की आभासी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. हम भविष्य में वीडियो की भूमिका को देखने के लिए उत्साहित हैं.
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भारत में विभिन्न सेक्टर्स में वीडियो कॉल की बात की जाए तो रिपोर्ट में पाया गया है कि सबसे आम उपयोग शिक्षा (72 प्रतिशत), उत्सव/सामाजिक समारोह (62 प्रतिशत), इवेंट्स (59 प्रतिशत), मनोरंजन (58 प्रतिशत), व्यापार (50 प्रतिशत) और एक क्षेत्र, जिसने महामारी के दौरान प्रमुखता प्राप्त की - टेलीहेल्थ (42 प्रतिशत) में देखा जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, 90 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं को लगता है कि आभासी और दूरस्थ गतिविधियों ने उन्हें इस अवधि के दौरान दूसरों के साथ जुड़े रहने में मदद की है, जबकि 75 प्रतिशत ने कहा कि इन गतिविधियों ने भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद की.
HIGHLIGHTS
- देश में तेजी से बढ़ राह वीडियो कॉलिंग का चलन
- अकेलापन दूर करने में भी है मददगार
- शिक्षा के बाद मनोरंजन और उत्सवों में भी प्रचलन