कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से देश में त्राहि मची हुई है. नए मरीजों में संख्या में बहुत तेज वृद्धि के साथ संक्रमण की रफ्तार ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया है. देश में दवाई से लेकर ऑक्सीजन और अन्य मेडिकल उपकरणों की कमी पड़ गई है. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि ऑक्सीजन और इलाज की कमी से लोग लगातार मर रहे हैं. कोरोना से बिगड़ती इस स्थिति के बीच आवश्यक वस्तुओं को जुटाने के लिए खरीददारी पीएम केयर फंड से कराए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.
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सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इस याचिका में अपील की गई है कि अदालत सरकार को निर्देश दे कि कोरोना महामारी के दौरान पीएम केयर फंड का उपयोग किया जाए. याचिका में मांग की गई है कि कि वैक्सीन की खरीदी, ऑक्सीजन प्लांट और अन्य आवश्यक वस्तुओं को जुटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पीएम केयर फंड इस्तेमाल करने का निर्देश दे. सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका वकील विप्लव शर्मा की ओर से दायर की गई है.
हालांकि आपको बता दें कि शुक्रवार को ही पीएम-केयर्स फंड से 322.5 करोड़ रुपये की लागत से डेढ़ लाख ऑक्सीकेयर सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी गई. यह मरीजों के ऑक्सीजन स्तर के माप के आधार पर उन्हें दी जा रही ऑक्सीजन को नियंत्रित रखने के लिए डीआरडीओ की ओर से विकसित की गई एक व्यापक प्रणाली है. इस सिस्टम को दो पार्ट में विकसित किया गया है. डीआरडीओ ने एक विकल्प के रूप में हल्की सामग्री वाले पोर्टेबल सिलेंडरों का उपयोग करने का सुझाव दिया है जो सामान्य ऑक्सीजन सिलेंडरों के विकल्प के रूप में बड़ी आसानी से काम में लाए जा सकते हैं.
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इससे पहले पिछले महीने अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के प्रधानमंत्री के निर्देश के तहत पीएम केयर्स फंड ने देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 551 समर्पित प्रेशर स्विंग ऐड्सॉप्र्शन (पीएसए) चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए धन आवंटन को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी. इस साल की शुरूआत में पीएम केयर्स फंड ने देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त 162 समर्पित पीएसए मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए थे.