अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जिसमें याददाश्त कमजोर होने के साथ साथ सोचने समझने की शक्ति भी कम हो जाती है। अल्जाइमर से पीड़ित लोगों को आने वाले समय में साधारण जिंदगी जीने में मुश्किल होती है। इस बीमारी के इलाज को लेकर वैज्ञानिकों में एक नई उम्मीद जगी है। नाइजीरिया में पारंपरिक दवा के रूप में सदियों से इस्तेमाल में लाया जा रहा एक पौधे का रस अल्जाइमर के इलाज के लिए नई दवा का आधार साबित हो सकता है।
पत्रिका 'फार्मास्यूटिकल बायोलॉजी' में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, 'कार्पोलोबिया ल्यूटिया' पौधे की पत्तियों, तनों व जड़ों से निकाला गया रस मस्तिष्क के रासायनिक संदेशवाहकों की सुरक्षा में मददगार साबित हो सकता है, जो स्मृति तथा सीखने की क्षमता सहित दिमाग के कार्यो में अहम भूमिका निभाता है।
अध्ययन के मुताबिक, पौधे का रस अल्जाइमर के लक्षणों से निपटने के लिए नई दवा के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस दवा का दुष्प्रभाव नहीं होगा, जबकि मौजूदा दवाओं का शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
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ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम में मुख्य शोधकर्ता वायने कार्टर ने कहा, 'जिस तरह लोगों की जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है, डिमेंशिया से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह खतरनाक स्थिति की ओर इशारा करता है। पारंपरिक दवाएं नए रसायन प्रदान करेंगी, जो अल्जाइमर से निपटने में कारगर साबित होगा।'
कार्पोलोबिया ल्यूटिया को आम तौर पर 'कैटल स्टिक' के नाम से जाना जाता है और यह एक छोटा-सा पौधा है, जो मध्य तथा पश्चिमी अफ्रीका में पाया जाता है। नाइजीरिया में इसका इस्तेमाल जननांगों में संक्रमण, मसूढ़ों में सूजन तथा कमर में दर्द के इलाज के लिए किया जाता है।
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Source : IANS