जब वजन घटाने के लिए एक्सरसाइज (exercise) करने की बात आती है, खास तौर से पेट कम करने की तो कार्डियो (cardio) को पहले चुना जाता है. ये फेमस वर्कआउट(workout) रूटीन में से एक है जिसे ज्यादातर लोग तब चुनते हैं जब वो अपना वजन घटाने की जर्नी शुरू करते हैं. कार्डियो या कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज (cardio or cardiovascular exercise) एक तरह का एरोबिक एक्सरसाइज (aerobic exercise) है जिसमें हमारे शरीर को ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन (oxygen) की जरूरत होती है.सबसे महत्वपूर्ण बात, ऑक्सीजन की बढ़ी हुई जरूरत टन कैलोरी बर्न (calorie burn) करने और किलो कम करने में मदद करती है. जब आप जिम में जाते है और किसी अच्छी फिटनेस वाले महिला या पुरूष को आप देखते है कि वे कभी वेट ट्रेनिंग के पहले कार्डिओ करते है तो कभी वेट ट्रेनिंग के बाद. खैर इन सवालों का सिलसिला लगा ही रहेगा. तो चलिए, यहां पर आज हम जानेंगे कि वेट ट्रेनिंग के बाद कार्डिओ क्यो करना चाहिए और इसका क्या लाभ मिलता है.
1. स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग के बाद कार्डिओ करने से मेटाबोलिजम में इजाफ़ा होना
यदि व्यायाम करने का आपका मुख्य उद्देश्य मांसपेशियों का निर्माण करना और अपने शरीर को टोन करना है, तो बेहतर होगा कि आप पहले स्ट्रेंथ बढ़ने पर ध्यान दें. ऐसा इसलिए है क्योंकि मांसपेशियों के निर्माण के लिए शरीर में रासायनिक प्रतिक्रियाएं पैदा करने के लिए कुछ एन्ज़ाइमस को एक्टिवटे करना पड़ता है. सरल शब्दों में, पहले कार्डियो करने से मांसपेशियों के निर्माण के लिए जिम्मेदार एंजाइम के प्रभाव कम होंगे इसलिए जरुरी है की उनको एक्टिवटे कर लिया जाए.
2.थकान को रोकने के लिए
कार्डियो एक प्रकार का व्यायाम है जो आपके हृदय गति को बढ़ाता है और इसे लंबे समय तक बनाए रखता है. आपके शरीर को ऑक्सीजन की आवश्यकता बढ़ जाती है, और आपके हृदय और फेफड़ों को चलते रहने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. कार्डियो के बारे में एक और तथ्य यह है कि यह एक मेहनत वाला व्यायाम है और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की तुलना में आपको आसानी से थका हुआ महसूस करा सकता है. इसलिए, कार्डियो सेशन के बाद, हो सकता है कि आपके पास अपनी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग रूटीन को पूरा करने के लिए एनर्जी न बची हो.
यह भी पढ़ें : दिवाली से पहले इन 8 ज़रूरी परम्पराओं का करें पालन
3.वेट लिफ्टिंग के बाद कार्डिओ से फैट को कम करना
जब आप वेट ट्रेनिंग करते है तब आपकी बॉडी एनर्जी प्रोडक्शन के लिए ग्लाइकोजन का उपयोग करती हैं. उसके बाद जब आप कार्डिओ करते है तब ग्लूकोज की कमी के कारण आपकी बॉडी फैट को फ्यूल के तरह इस्तेमाल करने लगती है. जिसके फलस्वरूप फैट बर्न होना शुरू हो जाता है और इंसान का वजन घटने लगता है.
4.भारी वजन उठाने के लिए
प्रगति करने के लिए और किसी भी कसरत दिनचर्या से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, आपको समय-समय पर खुद को चुनौती देने की जरूरत होती है. जब हम भरी वजन उठाते है तब हमारे शरीर को एक फुर्ती की आवश्यकता होती है और ऐसा करने से आपके मसल्स में दर्द भी कम होता है और साथ में मसल्स की स्ट्रेचिंग भी बेहतर तरीके से हो जाती हैं. साथ ही कार्डिओ बाद में करने से इंटरनल इंज्यूरी होने की संभावनाएं बहुत कम हो जाती हैं.