Advertisment

अब नई आफत : ब्लैक फंगस के बाद आया व्हाइट फंगस, है इतना ज्यादा खतरनाक

व्हाइट फंगस को ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है. विशषज्ञों की मानें तो फंगल का ये नया संक्रमण ब्लैक फंगस से बहुत ज्यादा खतरनाक है.

author-image
Dalchand Kumar
एडिट
New Update
yellow fungus

अब नई आफत : ब्लैक फंगस के बाद आया व्हाइट फंगस, है इतना ज्यादा खतरनाक( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

म्यूकोर्मिकोसिस, जिसे ब्लैक फंगस संक्रमण के रूप में भी जाना जाता है, वैसे तो नई बीमारी नहीं है. इस तरह के संक्रमण महामारी से पहले भी सामने आए थे. हालांकि पहले इसका प्रसार बहुत कम था. मगर अब कोविड -19 के कारण यह बहुत घातक बन गया है. देशभर में ब्लैक फंगस बीमारी लोगों को अपना शिकार बना रही है. हालांकि यह बीमारी उन्हीं लोगों को हो रही है, जो कोरोना को हरा चुके हैं. अभी देश में इस फंगल इंफेक्शन के खात्मे के लिए शुरुआत भी नहीं हो सकी है कि एकाएक व्हाइट फंगस (सफेद फंगस) भी सामने आ गया है.

यह भी पढ़ेंं : Corona Virus Live Updates : कोरोना की दूसरी लहर में अबतक 420 डॉक्टरों की मौत, दिल्ली में ही 100 मौतें

व्हाइट फंगस कितना खतरनाक?

व्हाइट फंगस को ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है. विशषज्ञों की मानें तो फंगल का ये नया संक्रमण ब्लैक फंगस से बहुत ज्यादा खतरनाक है. व्हाइट फंगस केवल एक अंग नहीं, बल्कि मरीज के फेफड़ों और ब्रेन से लेकर हर अंग पर असर डालता है. विशषज्ञ मानते हैं कि यह फंगल रक्त के जरिए होते हुए शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है. नाखून, स्किन, पेट, किडनी, ब्रेन, प्राइवेट पार्ट और मुंह के साथ फेफड़े भी व्हाइट फंगस से संक्रमित से हो सकते हैंहै. चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि रिपोर्ट के अनुसार यह वायरस की तरह विषाणुजनित हो सकता है. सफेद फंगस की मृत्यु दर वर्तमान में अज्ञात है.

व्हाइट फंगस के लक्षण क्या हैं?

बताया जाता है कि व्हाइट फंगस से संक्रमित मरीजों में लंग्स पर असर होने के कारण उसके कोविड जैसे लक्षण दिखे, लेकिन उनकी जांच नेगेटिव आई. मरीजों की सांस फूलना या कई बार सीने में दर्द, इस तरह के लक्षण भी हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि इस संक्रमण के शुरुआती लक्षणों में शरीर के जॉइंट्स पर असर करने से उनमें दर्द होने लगता है. ब्रेन तक पहुंचने पर सोचने विचारने की क्षमता पर असर दिखता है. बोलने में भी दिक्कत होने लगती है. व्हाइट फंगस के कारण सिर में तेज दर्द के साथ उल्टियां हो सकती हैं.

यह भी पढ़ेंं : 26 मई को बंगाल-ओडिशा से टकरा सकता है चक्रवाती तूफान 'यास', हाई अलर्ट जारी

फंगस संक्रमण का कैसे पता चलेगा?

चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि फंगल संक्रमण का पता लगाने के लिए एचआरसीटी स्कैन की आवश्यकता हो सकती है. चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है या मधुमेह से पीड़ित, एड्स के मरीज या जिन लोगों का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है, उनमें इस बीमारी की आशंका ज्यादा होती है.

कहां कहां मिले व्हाइट फंगस के मरीज

उत्तर प्रदेश और बिहार में व्हाइट फंगस के मरीज मिले हैं. बिहार की राजधानी पटना में 'व्हाइट फंगस' के चार मरीज मिले हैं, जबकि यूपी में मऊ जिले के एक मरीज में सफेद फंगस का मामला पाया गया. एक 70 वर्षीय व्यक्ति में सफेद फंगस का पता चला था, जिसका पहले अप्रैल में दिल्ली के एक अस्पताल में कोविड -19 का इलाज किया गया था और उसके ठीक होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई थी. कोविड -19 से ठीक होने के बाद वह लगातार स्टेरॉयड पर था. कुछ समय बाद, उन्हें आई फ्लोटर्स (आंखों के अंदर जेली जैसा पदार्थ) विकसित हो गई और उनकी आंखों की रोशनी चली गई. उनकी व्रिटोस बायोप्सी के बाद, व्हाइट फंगस संक्रमण की पुष्टि हुई.

यह भी पढ़ेंं : कोरोना के मामले भले घटे, मगर मौतें डरा रहीं : बीते 24 घंटे 2.57 लाख नए बीमार, 4194 लोग मरे

ब्लैक फंगस क्या है?

आपको ब्लैक फंगस के बारे में भी बताते हैं. पहले म्यूकोर्मिकोसिस यानी ब्लैक फंगस आमतौर पर मधुमेह मेलिटस से पीड़ित लोगों में पाया जाता था. यह एक ऐसी स्थिति है जहां किसी के रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का स्तर असामान्य रूप से बहुत अधिक होता है. लेकिन कोविड के कारण यह बहुत तेजी से पैर फैला रहा है. जिन मरीजों की रोग - प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से काम नहीं करती है, उनमें म्यूकोर्मिकोसिस होने की संभावना अधिक होती है. चूंकि कोविड – 19 का इलाज प्रतिरक्षा प्रणाली के कामकाज को दबाने के लिए जाना जाता है, इसलिए रोगियों को ब्लैक फंगस के संक्रमण से ग्रसित होने  के जोखिम अधिक होता है.

यह संक्रमण तब होता है जब कवक बीजाणुओं को सांस के जरिए शरीर के भीतर लिया जाता है. यह नाक, आंख/आंख के सॉकेट की कक्षा, मौखिक गुहा को संक्रमित करता है और यहां तक ​कि मस्तिष्क तक भी फैल सकता है. इसके लक्षणों में सिरदर्द, नाक बंद होना, नाक से पानी निकलना (हरा रंग), साइनस में दर्द, नाक से खून बहना, चेहरे पर सूजन, चेहरे पर उद्दीपन में कमी और त्वचा के रंग में कमी आना शामिल है. 

black-fungus white fungus black fungus symptoms symptoms of white fungus
Advertisment
Advertisment
Advertisment