द लैंसेट जर्नल के एक अध्ययन के मुताबिक कोविड-19 (COVID-19) महामारी जल्द ही खत्म हो जाएगी, लेकिन वायरस का संक्रमण जारी रह सकता है. अध्ययन में दावा किया गया है कि ओमीक्रॉन (Omicron) संक्रमण के बाद कोविड-19 का संक्रमण फिर से वापस आएगा. हालांकि इस बार यह महामारी का रूप नहीं लेगा. अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 एक बार फिर से लोगों को बीमार करेगा और इसे रोकने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को व्यवस्थित करना होगा. हालांकि जिस तरह से डेल्टा वेरिएंट या फिर कोरोना के पहले दौर में संक्रमण से बचने के लिए प्रतिबंधों को लागू करना पड़ा था वैसा इस बार कुछ नहीं करना होगा.
कमजोर हो जाएगा वायरस
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वायरस आगे चलकर कमजोर हो जाएगा. भविष्य में सॉर्स-कॉव-2 वायरस के पहले वेरिएंट के मुकाबले जोखिम काफी कम हो जाएगा. इन विशेषज्ञों का मानना है कि नए वेरिएंट के खिलाफ अनुकूलित टीके, नए एंटीवायरल का मिलना और लोगों को वायरस से बचाव का ज्ञान स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाएगा. अध्ययन में यह भी कहा गया है कि कोविड-19 वैक्सीन की तीसरी खुराक एंटीबॉडी के स्तर को बढ़ाती है, जो कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के संक्रमण को भी बेअसर कर सकती है.
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कुछ वैक्सीन ओमीक्रॉन पर असरकारी
फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च (एनआईएचआर), यूके के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने एस्ट्राजेनेका या फाइजर वैक्सीन की केवल दो खुराक प्राप्त की थी, उनमें उत्पन्न एंटीबॉडी अल्फा और डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमीक्रॉन को बेअसर करने में कम सक्षम थी. उन्होंने यह भी पाया कि दूसरी खुराक के बाद पहले तीन महीनों में एंटीबॉडी का स्तर गिर गया, लेकिन तीसरे बूस्टर की खुराक ने एंटीबॉडी के स्तर को बढ़ा दिया जो प्रभावी रूप से ओमीक्रॉन संस्करण को बेअसर कर देता है.
HIGHLIGHTS
- कोविड-19 वायरस के पहले वेरिएंट के मुकाबले जोखिम काफी कम होगा
- कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक एंटीबॉडी के स्तर को बढ़ाती है
- हालांकि आगे कोरोना संक्रमण बड़ी महामारी का रूप नहीं ले सकेगा