सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के अध्यक्ष साइरस पूनावाला ने कहा कि कोविशील्ड (Covishield) की दो डोज के बीच आदर्श अंतर दो महीने का है और टीके की एक और बूस्टर डोज छह महीने के बाद ली जानी चाहिए. एसआईआई की ओर से बनी वैक्सीन कोविशील्ड से पैदा होने वाले कोरोना वायरस (Corona Virus) रोधी एंटीबॉडी के कुछ समय बाद कम हो जाने को लेकर मेडिकल मैगजीन लैंसेट में छपी एक रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर पूनावाला ने कहा कि यह सच है कि एंटीबॉडी कम हो जाती हैं, लेकिन 'मेमोरी सेल' बनी रहती हैं. पूनावाला ने कहा कि छह महीने के बाद, एंटीबॉडी कम हो जाती हैं और इसलिए मैंने तीसरी खुराक ली है. इस बीच एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कोरोना की दूसरी लहर फिलहाल खत्म नहीं होने की बात कही है. उनका कहना है कि गाइडलाइन का पालन कर तीसरी लहर को रोका जा सकता है.
टीके की कमी के चलते तीन महीने का अंतर
साइरस पूनावाला ने कहा कि कोविशील्ड की दो खुराक के बीच आदर्श अंतर दो महीने है. पूनावाला ने कहा, 'चूंकि टीके की कमी है, इसलिए मोदी सरकार ने इस अवधि को तीन महीने कर दिया, लेकिन दो महीने का अंतराल आदर्श है.' उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन वायरस से निपटने का प्रभावी तरीका नहीं है. उन्होंने दावा किया कि ज्यादातर मामलों में लापरवाही और डॉक्टरों को संक्रमण की सूचना देने में देरी के कारण मौतें हुईं.
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एम्स के निदेशक ने भी चेताया
दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है और तीसरी लहर लोगों द्वारा कोविड -19 के उचित व्यवहार पर निर्भर करती है. उन्होंने कहा कि जब लोग कोविड-19 उचित व्यवहार का पालन करेंगे, तो तीसरी लहर के मामले कम देखने को मिलेंगे. एएनआई से बात करते हुए गुलेरिया ने बताया कि लोगों को यह समझना चाहिए कि भारत में अभी कोरोना महामरी की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है. कोरोना के दैनिक मामलों की संख्या 40,000 से अधिक मिल रहे हैं. सभी लोगों को कोरोना के नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है. यदि नियमों का पालन किया जाता है तो देश में कोरोना की एक और लहर को आने से पहले ही रोका जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- कोविशील्ड की दो डोज के बीच आदर्श अंतर दो महीने का
- लॉकडाउन कोरोना वायरस से निपटने का प्रभावी तरीका नहीं
- एम्स के निदेशक ने भी कोरोना की लहर पर चेताया