देश में कोरोना चारों ओर कहर बरपा रहा है. लोग अस्पतालों (Hospitals) में बेड और ऑक्सीजन (Oxygen) की किल्लत से दो - चार हो ही रहें कि अब कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की कमी भी सामने आने लगी है. कई राज्यों में 1 मई से 18 वर्ष से ऊपर वालों के लिए वैक्सीन अभियान की शुरुआत नहीं हो पाई. कई राज्यों में टीकों के अभाव में 18+ वालों का वैक्सीनेशन शुरू नहीं हो सका है. लेकिन अब समस्या टेस्टिंग को लेकर हो रही है. RT-PCR टेस्ट में लंबे वेटिंग और उसके बाद भी संक्रमण नहीं चलने के कारन लोग सिटी स्कैन (CT-SCAN) कराना पड़ रहा है. लेकिन सिटी स्कैन (CT-SCAN) को लेकर एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने ताजा बयान दिया है.
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) ने आगाह किया है कि सिटी स्कैन का इस्तेमाल सोच समझकर होना चाहिए. उन्होंने सोमवार को स्वास्थ्य मंत्राय की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि एक सीटी स्कैन तीन सौ चेस्ट एक्सरे के बराबर है, ये बहुत ज्यादा हानिकारक है. गुलेरिया ने कहा है कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोग अपने डॉक्टर से संपर्क करते रहें. सेचुरेशन 93 या उससे कम हो रही है, बेहोशी जैसे हालात हैं, छाती में दर्द हो रहा है तो एकदम डॉक्टर से संपर्क करें.
इसी बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 से निपटने के लिए देश में मौजूद मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और साथ ही इसे बढ़ाने के तरीके पर विशेषज्ञों के साथ चर्चा भी की. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब देश के कई हिस्सों में कोविड-19 के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है. प्रधानमंत्री मोदी की समीक्षा बैठक के दौरान कई कड़े फैसले लिए गए. इस समीक्षा बैठक में इंटर्न को भी कोविड प्रबंधन में तैनाती की अनुमति दी गई है. एमबीबीएस अंतिम वर्षों के छात्रों की सेवाओं का उपयोग टेली-परामर्श, हल्के कोविड मामलों की देखरेख के लिए करने का निर्णय लिया गया. फाइनल ईयर पीजी स्टूडेंट्स (व्यापक और साथ ही सुपर-स्पेशिएलिटी) की सेवाओं का उपयोग तब तक किया जा सकता है जब तक कि पीजी स्टूडेंट्स के नए बैच में शामिल नहीं हो जाते.
इसके अलावे B.Sc./ जीएनएम योग्य नर्सों का उपयोग वरिष्ठ डॉक्टरों और नर्सों की देखरेख में पूर्णकालिक कोविड नर्सिंग के काम में लिया जाएगा. कोविड प्रबंधन में सेवाएं प्रदान करने वाले ऐसे व्यक्तियों को जिन्होंने कम से कम 100 दिन का काम कोविड प्रबंधन के लिए किया हो, उन्हें नियमित सरकारी भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी.
Source : News Nation Bureau