Advertisment

कोरोना वायरस महामारी के चलते एम्‍स में 30 फीसदी कम हुई कैंसर सर्जरी

पिछले साल मार्च में कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) के आने के बाद हजारों की संख्या में कैंसर रोगियों को वो सुविधा नहीं मिल पा रही थी, जैसा महामारी आने से पहले मिला करती थी.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
AIMMS

कोरोना वायरस महामारी के चलते एम्‍स में 30 फीसदी कम हुई कैंसर सर्जरी( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

पिछले साल मार्च में कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) के आने के बाद हजारों की संख्या में कैंसर रोगियों को वो सुविधा नहीं मिल पा रही थी, जैसा महामारी आने से पहले मिला करती थी. कोरोनावायरस महामारी के आने के बाद अधिकतर अस्पतालों में कई बेड, वार्ड कोरोना रोगियों के लिए रिजर्व कर दिया गया. ऐसे समय में जब सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को अपनी कैंसर देखभाल सेवाओं को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना पड़ा, उस दौरान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली में उपचार जारी रहा. हालांकि, महामारी के चरम के दौरान इसमें महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई. एम्स में ओन्को एनेस्थीसिया और प्रशामक चिकित्सा के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. राकेश गर्ग ने कहा, एक या दो सप्ताह को छोड़कर कैंसर रोगियों का इलाज अस्पताल में लगातार जारी रहा.

एपेक्स इंस्टीट्यूसन समर्पित कैंसर संस्थान - इंस्टीट्यूट ऑफ रोटरी कैंसर हॉस्पिटल के आंकड़ों से पता चला है कि 2019 की तुलना में महामारी वर्ष में कैंसर की सर्जरी में 29 प्रतिशत की गिरावट आई है. आंकड़ों के अनुसार, संस्थान ने 2019 में 1592 सर्जरी की, जबकि 2020 में 1135 सर्जरी हुई. गायनी, सॉफ्ट-टिशू सारकोमा और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसे कुछ प्रकार की कैंसर सर्जरी में अधिक गिरावट दर्ज की गई है, जहां सर्जरी में 50 प्रतिशत से अधिक गिरावट दर्ज की गई है.

हालांकि, संस्थान ने स्तन कैंसर की सर्जरी में मामूली गिरावट देखी. आंकड़ों से पता चला कि दोनों वर्षो की तुलना में संस्थान द्वारा की गई अधिकांश सर्जरी स्तन कैंसर की थी. 2019 में संस्थान ने स्तन कैंसर की 449 सर्जरी की, जबकि 2020 में 426 सर्जरी हुई.

इसके अलावा, कुछ विभागों ने 2019 की तुलना में महामारी वर्ष में सर्जरी की अधिक संख्या दिखाई, जहां 2020 में 33 त्वचा कैंसर सर्जरी की गई, वहीं 2019 में 32 की गई थी. दिलचस्प बात यह है कि मेटास्टैटिक बीमारियों की सर्जरी में 2020 में उछाल देखा गया, जहां 2019 में 88 सर्जरी की गई थी, वहीं इस साल यानी 2020 में 105 सर्जरी हुई.

डॉ. (मेजर) एमडी रे ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, संस्थान ने भारी परिस्थितियों को देखते हुए प्रदर्शन किया. मैनपॉवर की कमी के बावजूद हमारे कर्मचारियों ने निष्ठावान तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वाहन किया. इसके अलावा, हमारी सर्जरी की प्रक्रिया भी धीमी हो गई थी, क्योंकि मरीजों का एक हिस्सा उनकी सर्जरी से पहले पॉजिटिव पाए गए थे, इसलिए हमें सर्जरी करने से पहले उन्हें इलाज करके ठीक करना पड़ा.

आंकड़ों के अनुसार, सर्जन, एनेस्थीसिस्ट, नर्सिग ऑफिसर, तकनीशियन और अन्य सहित संस्थान के कुल 34 स्वास्थ्य कर्मचारी अप्रैल और नवंबर 2020 के बीच घातक कोरोनावायरस से पॉजिटिव पाए गए थे.

हालांकि, देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कैंसर रोगियों में प्रारंभिक देखभाल की कमी ने उनके कैंसर की स्थिति को बढ़ा दिया. कई अस्पतालों का अनुमान है कि उनके 40 प्रतिशत मरीज कैंसर के थर्ड स्टेज पर पहुंच गए हैं, क्योंकि उनका तय समय अनुसार उपचार नहीं हो पाया.

रे ने कहा, हमारे डॉक्टरों ने उन रोगियों का रिकॉर्ड निकाला, जो सर्जरी की प्रतीक्षा सूची में थे. हमने उन्हें दवाइयां उन तक पहुंचाईं, ताकि उनकी बीमारी तब तक आगे न बढ़े, जब तक कि वे सर्जरी के लिए आने में सक्षम न हों.

Source : IANS

AIIMS covid-19 corona-virus कोरोनावायरस कोविड-19 कोरोना महामारी कैंसर सर्जरी COVID-19 Epidemic Cancer Surgery
Advertisment
Advertisment
Advertisment