भारत में वायु प्रदूषण (Air Pollution) से दिल की बीमारी (Heart attack) का भारी खतरा बना रहता है. यह बात हालिया एक अध्ययन में सामने कही गई है. शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन दक्षिण भारत के उपनगरीय इलाकों में किया है. अध्ययन में पता चला है कि ज्यादातर लोगों को वायु में पाए जाने वाले छोटे-छोटे कणों के कारण दिल का दौरा पड़ने का गंभीर खतरा बना रहता है.
बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की शोधकर्ता कैथरीन टोनी ने कहा, 'हमारे शोध के नतीजे यह जाहिर करते हैं कि कम और मध्यम आय वाले देशों में वायु प्रदूषण पर और अध्ययन करने की आवश्यकता है, क्योंकि आबादी और वायु प्रदूषण के स्तर के कारण उच्च आय वाले देशों के अध्ययन के मुकाबले इन देशों के अध्ययन के नतीजों में काफी अंतर देखने को मिल सकता है.'
ये भी पढ़ें: प्रदूषण से हिंसक हो रहा है इंसान, अमेरिकी शोधकर्ताओं ने किया दावा
पूर्व के अध्ययन बताते हैं कि दिल की बीमारी और मृत्यु दर के लिए वायु प्रदूषण जिम्मेदार है. इस शोध के लिए अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने भारत के उन इलाकों के निम्न-मध्यवर्गीय आय वाले लोगों को चुना जहां वायु प्रदूषण अधिक होता हो.
अध्ययन में हैदराबाद और तेलंगाना के 3372 लोगों को शामिल किया गया. टीम ने उच्च आय वाले देशों में सीआईएमटी (कैरोटिड इंटिमा मीडिया थिकनेस) को मापा, ये बारीक कण 2.5 यूएम व्यास वाले थे.
और पढ़ें: Pollution In Delhi-NCR: जानें आपके किन-किन अंगों को है प्रदूषण से खतरा
शोध टीम ने लोगों से यह भी पूछा कि वे खाना बनाने के लिए किस प्रकार के ईंधनों का इस्तेमाल करते हैं. उनमें ले 60 प्रतिशत लोग बायोमास ईंधन का इस्तेमाल करते थे. जहां लोग बायोमास ईंधन का खाना बनाने के लिए इस्तेमाल करते थे, वहां सीआईएमटी अधिक थी, खासकर वैसे स्थान पर जहा हवा आने जाने की व्यवस्था नहीं थी.