ऐसे तो सर्दियां शुरू हो गई है तो कोई ना कोई बीमारी तो लगी रहती है. लेकिन, सबको ये नहीं पता होता कि इस टाइम पर क्या-क्या खाकर बीमारियों को ठीक किया जा सकता है. तो, चलिए आपको एक घरेलू तरीका बताते है जिसका नाम कद्दू के बीज है. छोटे-छोटे दिखने वाले इन कद्दू के बीजों को पेपिटिस भी कहा जाता है. ये न्यूट्रिएंट्स का पॉवर हाउस होते है. इसे खाने के फायदे बड़े ही कमाल के होते है. कद्दू के बीजों में ना सिर्फ आयरन बल्कि कैल्शियम, फोलेट और बीटा-कैरोटीन जैसे कई न्यूट्रिएंट्स अच्छी क्वांटिटी में होते हैं. इसमें जरूरी फैटी एसिड का लेवल भी बहुत हाई होता है. जो ब्लड में हेल्दी बल्ड वैसल्स और कम अनहेल्दी कोलेस्ट्रॉल को बनाए रखने में मदद करता है. अब, आपको बताते हैं कि आखिर ये किन-किन बीमारियों से निजात दिला देता है और कैसे फायदा पहुंचाता है.
हड्डियां मजबूत बनाता है
कद्दू के बीजों में अच्छी खासी क्वांटिटी में कैल्शियम होता है. जो हड्डियों को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है और हड्डियों की बीमारी को बढ़ने से भी रोकता है. इसमें फॉस्फोरस और जिंक भी पाया जाता है. जिन्हें हड्डियों की बीमारी से लड़ने में फायदेमंद माना जाता है.
नींद के लिए अच्छे होते है
अगर आपको नींद से जुड़ी कोई भी प्रॉब्लम है तो, आप कद्दू के बीजों को खा सकते है. इसे चाहें तो फ्रूट्स के साथ खा लें. इसे खाने से स्ट्रेस तो कम होता ही है लेकिन साथ में नींद भी अच्छी आती है.
दिल की हेल्थ के लिए
कद्दू के बीज में हेल्दी फैट, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं. जो कि आपके हार्ट की हेल्थ के लिए अच्छे होते हैं. इन छोटे बीजों में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड भी होते हैं. जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं. बीजों में मौजूद मैग्नीशियम ब्लडप्रेशर के लेवल को कंट्रोल करके भी मदद कर सकते है.
बालों की ग्रोथ के लिए
कद्दू के बीजों में क्यूक्रबिटासिन होता है. ये एक अलग तरह का एमिनो एसिड है जो बालों की ग्रोथ करने में मदद करता है. ये विटामिन c से भी भरपूर होता है. जो कि बालों की ग्रोथ करने में बहुत ही इम्पोर्टेंट रोल निभाता है. आप चाहें तो कद्दू के बीज के तेल को स्कैल्प पर लगा सकते है या रिजल्ट जल्दी देखने के लिए कद्दू के बीज ऐसे भी खा सकते हैं.
स्ट्रेस और टेंशन दूर करता है
कद्दू के बीजों में ट्रिप्टोफेन एमिनो एसिड पाया जाता है. जो टेंशन और स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं. एक्सपर्टस का मानना है कि ये बॉडी में ट्रिप्टोफेन की कमी से ही टेंशन, स्ट्रेस और दूसरी मूड से रिलेटिड प्रॉब्लम्स पैदा होती हैं.