दुनिया भर में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कोहराम के बीच अब मानव मस्तिष्क को खाने वाले खतरनाक अमीबा के संक्रमण की पुष्टि के बाद हड़कंप मच गया है. यह संक्रमण अमेरिका के फ्लोरिडा में हुआ है. वहां के स्वास्थ्य विभाग ने दिमाग को खाने वाले 'नेगलेरिया फाउलेरी' नाम के अमीबा के संक्रमण की पुष्टि करते हुए बताया कि यह मनुष्य के शरीर को पूरी तरह नष्ट कर सकता है. यह मस्तिष्क में प्राइमरी एम्बेरिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस नाम के इंफेक्शन को जन्म देता है, जिससे दिमाग की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं. 1962 में भी अमेरिका के इसी इलाके में इस अमीबा के 37 मामले सामने आए थे.
यह भी पढ़ें : TikTok बैन हो गया तो क्या हुआ, डाउनलोड कीजिए Made IN India ये ऐप्स
जानकारों का मानना है कि अमीबा की यह प्रजाति आमतौर पर झील, नदी या तालाब के ताजे और गर्म पानी में मिलती है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को ऐसे किसी भी पानी से भरे खासकर गर्म पानी से भरे स्थान पर न जाने की नसीहत दी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि पानी में तैराकी करने के दौरान यह अमीबा हमारे नाक के रास्ते मस्तिष्क में प्रवेश कर सकता है. सिंगल सेल होने के चलते यह बहुत ही सूक्ष्म होता है. जुलाई और अगस्त इस अमीबा के लिए सबसे अनुकूल मौसम होता है क्योंकि इस दौरान तापमान ज्यादा होता है.
अमीबा में न्यूट्रीशन एक प्रक्रिया के माध्यम से होता है जिसे फागोसाइटोसिस कहा जाता है. अमीबा भोजन के रूप में बैक्टीरिया, एल्गी या अन्य पौधे या मृत जानवर को खाता है. यह एक आकारहीन सेल है जिसके पास ना ही मुंह होता है और ना ही कोई सक्शन तंत्र, फिर भी यह भोजन ग्रहण करते हैं.
यह भी पढ़ें : BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुखर्जी की संदिग्ध मौत के मामले को उठाया, नेहरू पर साधा निशाना
इस अमीबा का संक्रमण होने के बाद पीड़ित व्यक्ति को भयानक सिर दर्द, उल्टी, बुखार रहने लगता है. मस्तिष्क में यह संक्रमण बढ़ने के साथ ही लक्षण भी भयानक होते जाते हैं. गर्दन अकड़ जाती है और दौरे पड़ने लगते हैं. व्यक्ति कोमा में भी चला जाता है. लक्षण दिखने के 1 से 8 दिन के भीतर मौत भी हो सकती है.
Source : News Nation Bureau