भारत समेत विश्व के अनेक हिस्सों में रविवार को 7वां आयुर्वेद दिवस मनाया गया. इस साल इस आयोजन को "हर दिन हर घर आयुर्वेद" के थीम साथ मनाया गया. इसका मुख्य उद्देश्य जन-जन तक आयुर्वेद को पहुंचाना और इसे सामान्य दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना था. भारत सरकार के 26 से अधिक मंत्रालयों और विदेश मंत्रालय एवं दूतावासों के सहयोग से 5000 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आयुर्वेद, देश की प्राचीन परंपरा और धरोहर है, जिसका जंगल में रहने वालों से घनिष्ठ सम्बन्ध है. आयुर्वेद अपने आप में एक ऐसा चिकित्सा विज्ञान है जिसमें उपचार पर नहीं अपितु रोगों से बचाव पर बल दिया जाता रहा है.
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आयुर्वेद की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि आयुर्वेद हमारी संस्कृति की ऐसी शक्ति है जिसके आधार पर हम एक निरोग, सशक्त व आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर सकते हैं.
आयुष मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई ने कहा कि हमने देश में स्वास्थ्य की आयुष प्रणाली को गति दी है, आयुर्वेद को अब 30 देशों में मान्यता प्राप्त है. इतना ही नहीं आयुष का मौजूदा कारोबार 18.1 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है. प्रो. (डॉ.) तनुजा मनोज नेसरी, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने बताया कि I support Ayurveda अभियान को पूरे देश का भरपूर समर्थन मिला है, जिसमें 1.7 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया.
Source : News Nation Bureau