Ayurvedic Herbs For Diabetes: डायबिटीज से पीड़ित लोगों विशेष रूप से वरिष्ठ के दिल की बीमारी, उच्च कोलेस्ट्रॉल, हाई बल्ड प्रेशर दिल के दौरे की ओर ले जाता है. इन लोगों को इस बीमारियों का खतरा अधिक होता है. मधुमेह की दवाओं का सेवन करने के कारण समय के साथ मेटाबॉलिज्म और लिवर के काम करने की क्षमता कम हो जाती है. लेकिन, अगर आप अपने जीवनशैली और खान-पान में कुछ बदलाव करें तो इन बीमारियों को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है. आयुर्वेद के अनुसार 5 ऐसी जड़ी-बूटियां है जो शुगर लेवल को मैनेज करने और दिल की बीमारियों को रोकने में आपकी मदद कर सकती हैं:
आयुर्वेद के अनुसार 5 जड़ी-बूटियां जो शुगर के मरीजों के लिए हैं लाभदायक:-
पुनर्नवा
पुनर्नवा शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और यहां तक कि कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है. यह लीवर, किडनी और आंखों के लिए भी अच्छा है. यह डायबिटिक रेटिनोपैथी, नेफ्रोपैथी को रोकने में उपयोगी ही है. यह मेटाबॉलिज्म में भी सुधार करता है. इसे रोजाना खाली पेट 2-5 ग्राम ले सकते हैं.
सोंठ पाउडर
शुंथि यानि की सोंठ पाउडर ताजा कुचला हुआ सोंठ पाउडर सबसे अच्छा कार्डियो-प्रोटेक्टिव और मेटाबॉलिज्म के लिए अद्भुत है. समग्र सूजन को कम करता है और हृदय के लिए अच्छा है. आधा चम्मच भोजन से पहले दिन में एक बार गर्म पानी के साथ ले सकते हैं.
काली मिर्च
काली मिर्च जिसे आयुर्वेद में मारीच कहते हैं इंसुलिन संवेदनशीलता, पाचन में सुधार करने और यहां तक कि खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करता है, जिससे विशेष रूप से वरिष्ठ लोगों में दिल के दौरे को रोकने में मदद मिलती है. 1 काली मिर्च रोजाना सुबह खा सकते हैं.
इलायची
एला यानि इलायची दिल की सेहत के लिए सबसे अच्छी है. यह मीठे खाद्य पदार्थों के लिए क्रेविंग को कम करके शुगर लेवल को बेहतर बनाने में मदद करती है. अतिरिक्त प्यास से भी छुटकारा दिलाती है. इसे चाय के रूप में लिया जा सकता है या 1 इलायची के पाउडर को भोजन के 1 घंटे बाद गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है.
अर्जुन छाल
दिल की बीमारियों से बचाव के साथ-साथ उसकी कार्यप्रणाली में सुधार के लिए अर्जुन छाल सबसे अच्छी जड़ी-बूटी है. ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल से लेकर टैचीकार्डिया तक हर तरह की दिल की समस्या के लिए अच्छा है. जीन में मधुमेह/हृदय रोग वाले प्रत्येक व्यक्ति को सोते समय चाय के रूप में इसका सेवन करना चाहिए.