Ayurvedic Tips For Fhyroid: थायराइड महिलाओं को होने वाली एक कॉमन प्रॉब्लम बनती जा रही है. जिनको भी यह समस्या होती है उन्हें लगातार दवाओं का सेवन करनवा पड़ता है. थायरॉयड ग्रंथि, गर्दन के आधार पर स्थित एक छोटी मक्खन के आकार की ग्रंथि है जो मानव शरीर के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाती है. विशेषज्ञों की मानें तो पुरुषों की तुलना में महिलाओं को थायराइड विकार होने का जोखिम 10 गुना अधिक होता है. इसका एक मुख्य कारण यह है कि थायराइड विकार ऑटोइम्यून प्रतिक्रियाओं के कारण होते हैं. वहीं, यह विकार गर्भावस्था के दौरान भी महिलाओं को हो जाती है. थायरॉयड ग्रंथि के सामान्य रोग हाइपोथायरायडिज्म, हाइपरथायरायडिज्म, थायरॉयडिटिस और थायरॉयड कैंसर हैं.
हालांकि, आयुर्वेद के अनुसार कुछ चीजें ऐसी हैं जिनके सेवन से आप थायराइड के आसामी से कंट्रोल कर सकते हैं. सभी प्रकार के थायराइड असंतुलन जैसे कि हाइपो, हाइपर और ऑटो इम्यून के ये फूड्स लाभदायक हैं.
धनिया के बीज
धनिया में विटामिन ए, सी, के और फोलेट सभी प्रचुर मात्रा में होते हैं. यह थायरॉइड के कार्य में सुधार, सूजन को कम करने और आपके लिवर में T4 को T3 में बदलने में सुधार करने के लिए सबसे अच्छा है. सुबह खाली पेट धनिया के पानी का फायदेमंद है.
मूंग दाल
बीन्स में प्रोटीन, एंटीऑक्सिडेंट, जटिल कार्बोहाइड्रेट और विटामिन और खनिजों का भरमार होती है. इनमें फाइबर की मात्रा भी खूब होती है. यह थायराइड असंतुलन से लेकर कब्ज से पीड़ित के लिए भी लाभदायक है. मूंग, अधिकांश बीन्स की तरह, आयोडीन प्रदान करता है. मूंग के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि वे सभी बीन्स की तुलता में पचाने में सबसे आसान हैं. इसलिए, येथायरॉयड के लिए एक अच्छा विकल्प है.
नारियल
नारियल थायराइड रोगियों के लिए सबसे अच्छा भोजन है. चाहे वह कच्चा नारियल हो या नारियल का तेल, यह धीमे और सुस्त चयापचय में सुधार करता है. नारियल में एमसीएफए यानी मीडियम चेन फैटी एसिड और एमटीसी यानी मीडियम चेन ट्राइग्लिसराइड्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.
कद्दू के बीज
कद्दू के बीज भी जिंक का एक समृद्ध स्रोत हैं, जो शरीर में अन्य विटामिन और खनिजों को अवशोषित करने के लिए महत्वपूर्ण है और शरीर में थायराइड हार्मोन के संश्लेषण और संतुलन को भी बढ़ावा देता है.जब भी आपको भूख लगे तो नाश्ते के रूप में 1 बड़ा चम्मच ले सकते हैं.