शोधकर्ताओं की एक नई रिसर्च स्टडी में इस बात का दावा किया गया है कि स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखने और कोलेस्ट्रॉल के बेहतर स्तर को बढ़ाने से कोविड-19 संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है. पिछले अध्ययनों से पता चला है कि टाइप-2 मधुमेह और उच्च शरीर द्रव्यमान सूचकांक वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती होने और कोविड-19 से संबंधित अन्य गंभीर जटिलताओं का अधिक खतरा है. अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के नए शोध ने शरीर के वजन और कोलेस्ट्रॉल जैसे कुछ जीवनशैली कारकों (लाइफस्टाइल फैक्टर्स) की पहचान कोविड-19 के नए जोखिम कारकों के रूप में की है.
यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर चार्ल्स होंग ने कहा, "हमारे निष्कर्ष कुछ स्वस्थ उपायों की ओर इशारा करते हैं, जिसे अपनाकर लोग कोविड-19 संक्रमण के खतरे को कम कर सकते हैं. इस समय के दौरान शरीर का वजन नियंत्रित रखना बहुत महत्वपूर्ण है, और नियमित व्यायाम, जैतून का तेल और वसा से भरपूर आहार भी उपयोगी हो सकता है."
टीम ने पाया कि जो लोग कोविड पॉजिटिव थे, उनमें मोटे होने या टाइप-2 मधुमेह होने की संभावना अधिक थी. शोधकर्ताओं ने दावा किया कि उन्हें रोगसूचक संक्रमण होने का अधिक खतरा था. इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने 40 साल से अधिक उम्र के 5,00,000 ब्रिटिश स्वयंसेवकों के यूके बायोबैंक के डेटा का उपयोग किया. स्वास्थ्य कारकों की तुलना कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने वालों और निगेटिव पाए जाने वालों के बीच की गई.
बताते चलें कि दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. विश्व में कोरोनावायरस के कुल मामलों की संख्या 13.22 करोड़ के पार पहुंच चुकी है. वहीं दूसरी ओर, महामारी की चपेट में आकर जान गंवाने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ते हुए 28.7 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है. भारत में भी कोविड-19 से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. बीते 24 घंटों में भारत में 1 लाख 15 हजार से भी ज्यादा मामले सामने आए हैं.
HIGHLIGHTS
- शरीर का वजन और कोलेस्ट्रॉल का खराब स्तर बढ़ा सकता है कोरोना का खतरा
- यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के नए शोध में किया गया दावा
- दुनियाभर में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 13.22 करोड़ के पार