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इम्‍युनिटी डेवलप करने में मास्‍क मददगार! रिसर्चर्स बोले- वैक्सीन से पहले इससे ही बची उम्मीद

अमेरिका के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मास्क के इस्तेमाल से कोरोना के संक्रमण को काफी हद तक कम किया जा सकता है. उन्‍होंने यह भी कहा कि चेचक के वैरियोलेशन की तरह मास्‍क कोविड पर असरदार हो सकते हैं.

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Kuldeep Singh
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इम्‍युनिटी डेवलप करने में मास्‍क मददगार! ( Photo Credit : फाइल फोटो)

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कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया पर बना हुआ है. हर रोज हजारों लोगों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो रही है. बाजार में अभी तक इसकी वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं है. इसी बीच साइंटिस्‍ट्स कुछ और उपायों पर भी गौर कर रहे हैं. कुछ वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना काल में मास्‍क पहनने से इम्‍युनिटी डेवलप हो सकती है और कोविड संक्रमण धीमा हो सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि मास्‍क वायरस के संक्रमणकारी हिस्‍से को फिल्‍टर कर सकते हैं लेकिन पूरी तरह नहीं रोक सकते. वैज्ञानिकों के मुताबिक लोगों को कोरोना इन्‍फेक्‍शन तो होगा लेकिन वह घातक नहीं होगा.

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चेचक की तर्ज पर कोरोना से बचाव कैसे?
न्‍यू इंग्‍लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की मोनिका गांधी और जॉर्ज रदरफोर्ड ने यह विचार सामने रखा है. चेचक की वैक्‍सीन बनने तक लोग वैरियोलेशन लेते थे. इसमें जिनको बीमारी नहीं होती थी, उन्‍हें चेचक मरीजों की पपड़ी के मैटीरियल के संपर्क में लाया जाता था. वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे हल्‍का इन्‍फेक्‍शन होता था लेकिन पूरी तरह बीमारी होने से बचा लेता था.

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इन्‍फेक्‍शन को कमजोर कर सकता है मास्‍क
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि रिसर्च में कई सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं. उन्‍होंने अर्जेंटीना के एक क्रूज शिप का हवाला दिया जिसके पैसेंजर्स को सर्जिकल और N95 मास्‍क दिए गए थे. इससे पहले जहाजों पर सामान्‍य मास्‍क पहनने पर 20% मरीज एसिम्‍प्‍टोमेटिक केस मिलते थे, जबकि इस जहाज पर खास मास्‍क दिए जाने पर 81% लोग एसिम्‍प्‍टोमेटिक पाए गए. वहीं इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बाइलरी साइंसेज के डॉ एसके सरीज ने कहा कि इस रिसर्च पेपर ने यह समझाया है कि कैसे दिल्‍ली की 29% आबादी ऐंटीबॉडी पॉजिटिव थी मगर कभी इन्‍फेक्‍शन नहीं हुआ.

Source : News Nation Bureau

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