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दिल्ली: नाई से मसाज करवाना पड़ा महंगा, गर्दन की नसों को मारा लकवा

सैलून में हेयरकट के बाद नाई से गर्दन और सिर की मसाज कराना अगर आप को भी आरामदायक लगता है तो सावधान हो जाइये।

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ruchika sharma
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दिल्ली: नाई से मसाज करवाना पड़ा महंगा, गर्दन की नसों को मारा लकवा

गर्दन और सिर की मसाज

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दिन-भर की थकान को मिटाने के लिए अगर आप भी हेयरकट के बाद नाई से गर्दन और सिर की मसाज करवाते है, तो ऐसा करना आपको काफी भारी पड़ सकता है।आपकी छोटी-सी आदत पूरे जीवन भर के लिए आपको परेशानी में डाल सकती है। 

दिल्ली के एक शख्स को हेयरकट के बाद बार-बार गर्दन चटकवाना काफी महंगा साबित हुआ। 54 साल के अजय कुमार की गर्दन की नसों को लकवा मार जाने के कारण वे अब ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहे है।

सबसे चौका देने वाली बात ये है कि उनकी इस परेशानी का कोई इलाज नहीं है लेटते ही उनकी सांस रुकने लगती हैं जिससे कि उन्हें सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है

हेयरकट के बाद मालिश कराना चलन में है कुछ लोग आराम और दिनभर की थकान से राहत पाने के लिए मालिश के बाद अपनी गर्दन चटकाते है लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि ऐसा करना कितना खतरनाक हो सकता है।

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मेदांता हॉस्पिटल के रेस्परेट्री ऐंड स्लीप मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ आनंद जयसवाल ने बताया कि दिल संबंधी परेशानी से जूझ रहे 54 साल के मरीज इलाज के लिए आते है

3 महीने से सांस की बीमारी होने के कारण उनके हार्ट के इलाज में कोई फायदा नहीं हुआ निमोनिया का इलाज होने के बाद भी उनकी सांस की दिक्क्तें कम नहीं हुई।  

डॉक्टर आनंद ने बताया कि उन्होंने एक बात देखी कि जब उन मरीजों को लेटाया गया तब सांस लेते वक़्त उनका पेट काफी अंदर जा रहा था ऐसा इसलिए हो रहा था क्यूंकि उनकी पेट और छाती के बीच झिल्ली काफी कमजोर हो गई थी इतना ही नहीं उनके डायाफ्राम की मूवमेंट भी काफी कम थी। 

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जब मरीजों से डॉक्टरों ने डेली रूटीन के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया हर 2-3 हफ्ते में नाई के पास जाकर गर्दन की मसाज करवाते थे। टेस्ट होने के बाद ये साफ़ हो चुका था कि उनकी गर्दन की दोनों नसों में लकवा मार चुका है। 

इस लकवे का कोई इलाज न होने कारण उन मरीजों को हमेशा के लिए'नॉन इनवेसिव वेंटिलेशन'पर रहना होगा डॉक्टरों ने इसके पीछे का कारण बताया कि सांस लेने वाली सारी नसें गर्दन की हड्डी के साथ गुजरती है। ऐसे में जब वे लेटते थे तब उनकी सांस रुक जाती थी।  सबसे चिंताजनक बात ये है कि इस बीमारी कोई इलाज नहीं है। 

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Source : News Nation Bureau

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